छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित भंवर गणेश मंदिर में स्थापित गरुड़ भगवान की मूर्ति एक बार फिर चोरी हो गई है. काले ग्रेनाइट की बनी मूर्ति 10वीं शताब्दी की है. खास बात यह है कि इससे पहले भी यह मूर्ति चार बार चोरी की जा चुकी है. मामला मस्तूरी थाना क्षेत्र का है.
जानकारी के मुताबिक, मल्हार के पास इटवा पाली गांव स्थित मंदिर में सोमवार सुबह करीब 5.30 बजे सेवक महेश केंवट पहुंचा तो देखा कि दरवाजे का ताला टूटा हुआ है. अंदर गर्भगृह में स्थापित भगवान गरुड़ की मूर्ति गायब है. इसके बाद पुलिस और सरपंच को सूचना दी.
मल्हार और आसपास कई प्राचीन मंदिरों के अवशेष मिले हैं, जिनमें भंवर गणेश मंदिर और यहां स्थापित ग्रेनाइट से बनी गरुड़ भगवान की मूर्ति भी है. लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग ने अब तक इनकी सुरक्षा को लेकर कोई उपाय नहीं किए हैं. इसके कारण लगातार मूर्ति चोरी हो रही है.
ग्रेनाइट से बनी इस मूर्ति की कीमत करोड़ों रुपए बताई जा रही है. यही वजह है कि मूर्ति बार-बार चोरी हो रही है. पहली बार 2004 में प्रतिमा को चोरी किया गया था. हालांकि, तब चोर इसे जिले से बाहर नहीं ले जा सके थे. मूर्ति को पुलिस ने बरामद कर लिया था.
इसके बाद अप्रैल 2006 में भी चोरी हो गई. हालांकि, चोर गांव के पास ही छोड़कर भाग गए थे. फिर 2007 में भी मूर्ति चोरी की कोशिश की गई थी 26 अगस्त 2022 को चोरों ने सेवादार को देसी तमंचे के बल पर बंधक बनाकर मूर्ति लूटी थी. फिर पुलिस ने चोरों को पकड़ा और मूर्ति बरामद कर ली थी.
सालों पुरानी ऐतिहासिक मूर्ति करीब 3 फीट ऊंची और 65 किलो वजनी है. पिछली बार मूर्ति को चोरों ने पहले उखाड़ने की कोशिश की थी. इसके लिए वे औजार लेकर भी पहुंचे थे, लेकिन उखाड़ नहीं पाए. इसलिए उसे औजार से तोड़कर ले गए थे. पुलिस ने मूर्ति को 4 टुकड़ों में बरामद किया था.
भंवर गणेश मंदिर और ग्रेनाइट की मूर्ति मल्हार स्थित डिड़िनेश्वरी देवी की समकालीन है. 7वीं से 10वीं सदी के बीच विकसित मल्हार की मूर्तिकलाओं में भंवर गणेश को भी प्रमुख माना जाता है. मल्हार में बौद्ध स्मारकों और प्रतिमाओं का निर्माण इस काल की विशेषता मानी जाती है.