नगर निगम की सामान्य सभा में बुधवार को प्रश्नकाल के पहले ही सवाल पर जमकर हंगामा हुआ. नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने आरोप लगाया कि शताब्दी नगर तेलीबांधा स्थित सामुदायिक भवन पर पूर्व नगरिया प्रशासन मंत्री शिव डहरिया के परिवार का कब्जा है.
नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने प्रश्न पूछा कि नगर निगम सीमा के अंतर्गत बने हुए सामुदायिक भवनों पर अधिकारिता किनकी रहती है? क्या बिना जनप्रतिनिधियों की जानकारी के गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार के लिए बनाए गए सामुदायिक भवनों को किसी संस्था को आवंटित किया जा सकता है?
मीनल चौबे ने आरोप लगाया कि सामुदायिक भवन पर मंत्री की पत्नी ने कब्जा कर रखा है. जबकि नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने इस भवन में रंगरोगन, फर्नीचर और अन्य सुविधाओं पर करीब ₹1 करोड़ खर्च किए हैं. सामुदायिक भवन आम लोगों को नहीं दिया जा रहा है.
सामान्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने बताया कि राजश्री सद्भावना समिति के नाम से अवैध कब्जा किया गया है, जिसकी अध्यक्ष पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री की पत्नी शकुन डहरिया हैं. यह भवन न तो किसी को आवंटित किया जा रहा है और ना ही इसका सामुदायिक उपयोग हो रहा है.
सदन में मुद्दा सामने आने पर महापौर परिषद के ही कुछ सदस्य कहते रहे हैं कि यह भवन किसी को आवंटित नहीं है, फिर मंत्री की पत्नी का भवन पर कब्जा कैसे है? इसी बीच सामान्य सभा में माहौल गर्म हो गया.
भाजपा पार्षद दल कार्रवाई की मांग करने लगा. नेता प्रतिपक्ष मीनल ने कहा कि भवन पर अवैध कब्जा करना और अफसरों का लाखों रुपए खर्च करना जांच का विषय है. इसमें दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं मेयर एजाज ढेबर ने इस पूरे मामले की जांच करने और दोषी पाए जाने वाले अधिकारी को बर्खास्त करने की बात कही है.
नेता प्रतिपक्ष ने सामान्य सभा में वह पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें राजश्री सद्भावना समिति की अध्यक्ष शकुन डहरिया ने जोन-10 को सामुदायिक भवन के हस्तांतरण और संचालन के लिए पत्र लिखा था.
इसके बाद जोन-10 ने इस भवन में फर्नीचर, अलमारी, लकड़ी की कुर्सियां, वॉशिंग मशीन, वॉटर हीटर, सोफा, सेंट्रल टेबल, कंप्यूटर, कंप्यूटर प्रिंटर, किचन चिमनी, वॉटर कूलर लगाने के लिए वर्क ऑर्डर जारी किया.