आचार्य विद्यासागर जी महाराज के उत्तराधिकारी मुनि समय सागर जी महाराज ने कहा कि प्रभु के छूटे कार्यों को मिलकर पूरा करेंगे. चंद्रगिरी के संत भवन में उन्होंने संतों और भक्तों के बीच मंत्रणा की. उनके साथ मुनि प्रसस्थ सागर, अजीत सागर, मल्ली सागर, एलेकश्री विवेकानंद सागर और एलेकश्री दया सागर भी साथ रहे.
इससे पहले समय सागर जी महाराज डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी पहुंचकर समाधि स्थल और अस्थि कलश के दर्शन किए. यात्रा के दौरान समय सागर जी से मीडिया ने बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि डोंगरगढ़ में संघ बैठा है. जो भी तय होगा वो सभी कार्यक्रम यथा समय पर होंगे. उन्होंने कहा कि वहां आशीर्वचन भी होंगे. उन्होंने आचार्य बनाए जाने के सवाल पर कुछ नहीं कहा.
विदिशा जिले के गंजबासौदा निवासी शिवकुमार जैन, इंदौर के नीलेश जैन और मीडिया प्रभारी संजय जैन ने बताया कि मुनि समय सागर जी गंजबासौदा से 15 जनवरी से विहार पर हैं. हर रोज 25 किलोमीटर चलते हैं. इस दौरान समाज के 15-20 लोग भी उनके साथ रहते हैं.
आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने 6 फरवरी को मुनि योग सागर जी से चर्चा करने के बाद आचार्य पद का त्याग किया था. उन्होंने मुनि समय सागर जी महाराज को आचार्य पद देने की घोषणा की थी.
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की अस्थियों का मंगलवार को संकलन करने के बाद कलश समाधि कक्ष में उनकी तस्वीर के सामने रखा गया है इसी कक्ष में आचार्य श्री महा समाधि में लीन हुए थे. 25 फरवरी को पूरे देश में सामूहिक गुरु विनयांजलि का आह्वान किया गया है.
प्रज्ञा गिरि तीर्थ क्षेत्र में रोजाना बड़ी संख्या में आचार्यश्री के शिष्यों के अलावा अनुयायियों की संख्या बढ़ रही है. आगामी आयोजनों की भी तैयारी की जा रही है. इस दौरान जनप्रतिनिधि, जैन-जैनेतर, गणमान्य नागरिकों समेत सर्वधर्म के लोग मौजूद रहेंगे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोपहर 1 बजे से अपने-अपने नगर के तय प्रमुख स्थल पर कार्यक्रम को भव्यता पूर्वक आयोजित करेंगे.