रायपुर के सफायर ग्रीन फेज-2 कॉलोनी में रविवार देर रात एक भाई ने अपने छोटे भाई का मर्डर कर दिया. सिर पर गोली मारकर उसकी जान ले ली. आरोपी करोड़पति बिजनेसमैन है. मर्डर के बाद आरोपी ने मां को वीडियो कॉल कर कहा कि उसे मार दिया. फिर वो कार में वो पिस्टल लिए घूमता रहा. हत्यारे को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है.
पीयूष झा अपने छोटे भाई पराग के साथ ही रहता था. दोनों ड्रोन बनाने की कंपनी चलाते थे. बीती रात दोनों भाइयों में झगड़ा हुआ. खबर है कि पराग ने बड़े भाई पर हाथ उठा दिया. इससे तैश में आकर पीयूष ने कबर्ड से पिस्टल निकाली और 3 गोलियां अपने ही छोटे भाई पर चला दी. पराग जमीन पर गिर पड़ा और पूरे फर्श पर खून बिखर गया.
इसके बाद पीयूष ने मां को वीडियो कॉल कर लाश दिखाई और कॉल डिस्कनेक्ट कर भाग गया. मां इनसे अलग कैपिटल होम कॉलोनी में रहती है. उसने पुलिस को फोन किया. विधानसभा थाने की एक टीम देर रात मौक-ए-वारदात पर गई. दूसरी टीम ने शहर में नाकेबंदी कर पीयूष की तलाश शुरू की.
पुलिस का दावा है कि शहर में तुरंत नाकेबंदी की गई आरोपी के कार का नंबर और मोबाइल नंबर के लोकेशन से उसे डीडीनगर इलाके में पकड़ा गया. पुलिस पीयूष से अब पूछताछ कर रही है. जानकारी मिली है कि आरोपी नशे का आदी है. घटना में इस्तेमाल की गई पिस्टल भी ज़ब्त कर ली गई. पिस्टल के लायसेंस का भी पता लगाया जा रहा है.
भाई को गोली मारने वाले पीयूष ने रायपुर की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की. कुछ साल पहले नौकरी छोड़कर पीयूष झा ने ड्रोन बनाने की कंपनी शुरू कर दी. पीयूष झा एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग है.
उसने छात्रावास अधीक्षक की नौकरी में सिलेक्शन हासिल किया मगर ड्रोन कंपनी के स्टार्टअप के लिए नौकरी छोड़ी. 45 हजार रुपये से ड्रोन बनाने की शुरुआत करने वाले पीयूष का कारोबार 2 साल में ही 3.50 करोड़ तक पहुंच गया.
उसने काम में अपने भाई पराग को शामिल किया. जानकारी के मुताबिक पर्सनल लाइफ में पीयूष डिप्रेस रहता था. उसकी एक बार सगाई भी टूट गई थी. वो शराब पीने लगा था. पीने की लत की वजह से ही दोनों भाइयों में विवाद होता था. बीती रात हुए कांड के पीछे भी वजह शराब पीने के बाद हुआ झगड़ा ही था.
पीयूष को रेलवे ने पटरियों की निगरानी का काम दिया था. प्रदेश में तैनात RPF, BSF और स्टेट पुलिस ने सुरक्षा को ध्यान में रखते उन्हें ड्रोन बनाने का जिम्मा दिया था. एग्रीकल्चर इंडस्ट्री में भी दोनों भाई को ड्रोन सर्विस दिया करते थे.