छत्तीसढ़ विधानसभा में मंगलवार को खूब बवाल हुए. छत्तीसगढ़ की सरकारी शराब दुकानों के लिए मैन पावर सप्लाई करने वाली एजेंसी के खिलाफ जांच की मांग को लेकर हंगामा खड़ा हो गया. हालांकि सरकार की ओर से इस मामले में जांच की घोषणा हुई. इसके अलावा शून्यकाल में लॉ-एंड ऑर्डर के हालात पर कांग्रेसियों ने हंगामा कर दिया. विधायकों को निलंबित करने की कार्रवाई भी विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने की.
सबसे पहले BJP विधायकों ने एजेंसी के खिलाफ जांच कराने की मांग करते हुए नारेबाजी की. इससे पहले सवालों का जवाब दे रहे स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पहले ही इस मामले में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राज्य सरकार की एजेंसी ACB-EOW जांच कर रही.
इस पर भाजपा विधायकों ने सवाल किया तो क्या प्लेसमेंट एजेंसी की जांच नहीं होगी. बाहर जाकर हम प्रदेश की जनता को क्या उत्तर दें. इस दौरान कांग्रेस के विधायकों भी अपने स्थान पर खड़े हो गए. कांग्रेस विधायकों ने कहा कि अब BJP वालों को ED और EOW पर भी भरोसा नहीं है. इसकी वजह से सदन में काफी शोर-शराबा होने लगा. इस बीच मंत्री जायसवाल ने प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ भी जांच कराने की घोषणा सदन में कर दी.
शराब का यह मामला सदन में प्रश्नकाल के दौरान उठा. भाजपा विधायक राजेश मूणत ने वर्ष 2019 से लेकर 2023 के बीच राज्य में शराब का ठेका और आपूर्ति आदि को लेकर प्रश्न किया था. आबकारी विभाग मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास है, लेकिन आज सदन में उनकी अनुपस्थिति में आबकारी विभाग के सवालों का जवबा दे रहे स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने बताया कि राज्य में शराब नीति बनी हुई है उसकी के तहत शराब की खरीदी होती है.
इसके बाद मूणत ने केवल 3 ही डिस्लरी के माध्यम से देशी शराब की आपूर्ति पर प्रश्न किया. इस पर मंत्री ने बताया कि प्रदेश में देशी शराब की 3 ही डिस्लरी है. ऐसे में पूरे राज्य को 8 जोन में बांटकर टेंडर किया गया था. मूणत ने एक ही डिस्लरी द्वारा लगातार शराब आपूर्ति पर सवाल उठाया. इस पर मंत्री ने कहा कि जिसे टेंडर मिलेगा वही शराब की सप्लाई करेगा.
इसके बाद शराब दुकानों में मैन पावर (कर्मचारी) सप्लाई, ओवर रेटिंग और मिलावट पर प्रश्न उठा. मंत्री ने बताया कि इन मामलों में बड़े पैमाने पर कार्यवाही की गई है. 500 से ज्यादा प्लेसमेंट कर्मियों को सेवा से पृथक किया गया है. मूणत ने पूछा कि उस प्लेसमेंट एजेंसी पर क्या कार्यवाही की गई है. इस पर मंत्री ने उत्तर दिया कि प्लेसमेंट एजेंसी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है और वह आज भी राज्य में काम कर रही है. इसके बाद मूणत की तरफ से सवाल हुआ कि क्या सरकार इसकी जांच कराएगी.
मंत्री ने कहा कि ED और EOW पहले से शराब मामले की जांच कर रही है. मंत्री के इस जवाब से असंतुष्ट सत्ता पक्ष के विधायक अपने स्थान पर खड़े हो गए और जांच की मांग करने लगे. इसके बाद मंत्री ने इस मामले की भी जांच करने की घोषणा कर दी.
सदन में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गई है और लोग कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में शून्यकाल के दौरान कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर इस पर चर्चा की मांग की. हंगामे के बीच कार्यवाही को एक बार स्थगित करना पड़ा और कांग्रेस विधायकों को भी निलंबित कर दिया गया.
नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, पूर्व मंत्री उमेश पटेल, कवासी लखमा और अनिला भेड़िया समेत कांग्रेस विधायकों ने कहा कि राज्य में अपहरण, हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि देश में ‘धान का कटोरा’ कहा जाने वाला छत्तीसगढ़ अब ‘अपराध गढ़’ (अपराधों का गढ़) बन गया है. विपक्षी सदस्यों ने कहा कि राज्य में ‘डबल इंजन’ सरकार आने के बाद से नक्सली घटनाएं भी बढ़ रही हैं. गृहविभाग का कामकाज संभाल रहे उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के गृह जिले कबीरधाम में एक के बाद एक 3 हत्याएं हुईं. कांग्रेस सदस्यों ने काम रोक कर इस पर चर्चा की मांग की.
विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया और विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामे के बीच अध्यक्ष ने कार्यवाही को लगातार दो बार 5-5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया. जैसे ही कार्यवाही दोबारा शुरू हुई नेता प्रतिपक्ष महंत और विपक्ष के सदस्य अपनी मांग उठाते रहे. जब विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे और आसान के समीप आ गए तब विधानसभा नियमों के अनुसार उन्हें स्वत: निलंबित कर दिया गया. बाद में उनका निलंबन रद्द कर दिया गया.