छत्तीसगढ़ सरकार CGPSC में सुधार आयोग का गठन करने जा रही है. इसका ऐलान वित्त मंत्री OP चौधरी ने विनियोग विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए किया है. उन्होंने कहा कि CGPSC एग्जाम प्रक्रिया को और बेहतर किया जाएगा.
OP चौधरी ने ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के हितों का भी खास ध्यान रखा जाएगा ताकि राज्य के युवाओं को UPSC की भी तैयारी में लाभ मिले. उन्होंने कहा कि CGPSC में छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति पर आधारित प्रश्न पत्रों का समावेश किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ सरकार CGPSC में सुधार आयोग का गठन करने जा रही है. इसका ऐलान वित्त मंत्री OP चौधरी ने विनियोग विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए किया है. उन्होंने कहा कि CGPSC एग्जाम प्रक्रिया को और बेहतर किया जाएगा.
OP चौधरी ने ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के हितों का भी खास ध्यान रखा जाएगा ताकि राज्य के युवाओं को UPSC की भी तैयारी में लाभ मिले. उन्होंने कहा कि CGPSC में छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति पर आधारित प्रश्न पत्रों का समावेश किया जाएगा.
विभागीय सूत्रों की मानें तो आयोग का गठन जल्द ही होगा. इसके लिए एक्सपर्ट सिलेक्ट किए जाएंगे. इनमें रिटायर्ड IAS-IPS हो सकते हैं. एग्जाम की प्रक्रिया में सुधार के लिए UPSC के सलाहकारों से भी संपर्क किया जा रहा है. कांग्रेस शासन काल में PSC के अध्यक्ष टामन सोनवानी के रिश्तेदारों के नौकरियों में सिलेक्शन की वजह से भाजपा ने PSC में इस तरह के बदलाव करने का वादा किया था.
विनियोग विधेयक एक तरह से वो विधेयक है, जिसमें सरकार बजट के बाद जारी की गई राशि को विभागों को सौंपती है. खर्च करने की अनुमति की तरह ये होता है. चर्चा के दौरान OP चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को मोदी की गारंटी के अनुसार विकासशील से विकसित राज्य की तरफ लेकर जाना है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार GYAN (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी) के लिए पूरी तरह समर्पित है और इसके लिए बजट में खास प्रावधान किए गए हैं.
OP चौधरी ने ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के हितों का भी खास ध्यान रखा जाएगा ताकि राज्य के युवाओं को UPSC की भी तैयारी में लाभ मिले. उन्होंने कहा कि CGPSC में छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति पर आधारित प्रश्न पत्रों का समावेश किया जाएगा.
इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख घरों के निर्माण के लिए इस बजट में 8,369 करोड़ रुपये का प्रावधान है. महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को पोषित, सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रति वर्ष 12,000 रुपये सहायता का प्रावधान है.
कृषक उन्नति योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है, इससे 24.72 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा. गत वर्ष की तुलना में 02 लाख 30 हजार अधिक किसान लाभान्वित होंगे. जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण घरों को नल से जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 4,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
तेंदूपत्ता संग्राहकों को गत वर्ष 4000 रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रति मानक बोरा भुगतान की व्यवस्था की गयी है. दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत भूमिहीन कृषि मजदूरों को गत वर्ष के 7000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 10,000 रुपये वार्षिक भुगतान के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
श्री रामलला दर्शन योजना अंतर्गत प्रदेशवासियों को अयोध्या धाम की यात्रा के लिए 35 करोड़ रुपये और छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना अंतर्गत युवाओं को स्वरोजगार के लिए के क्रियान्वयन का प्रावधान है.
मंत्री OP ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है और इसके लिए पक्ष एवं विपक्ष को मिलकर कार्य करना होगा. इसके लिए सेवा एवं उद्योग क्षेत्र को गति देने की आवश्यकता है ताकि राज्य आर्थिक उन्नति कर सके और राज्य बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति कर सके.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भारत की आजादी की 100वीं वर्षगांठ में वर्ष 2047 तक छत्तीसगढ़ राज्य को हम विकासशील से विकसित छत्तीसगढ़ बनाएंगे. इसके लिए 1 नवंबर 2024 को अमृतकालः छत्तीसगढ़ विजन @2047 पेश किया जाएगा.
OP चौधरी ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को समर्पित सरकार है और सभी के लिए विकास करने वाली सरकार है. इनके लिए किसी को भी चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. इनके लिए यदि बजट में कमी हुई तो हम अनुपूरक बजट का भी इंतजार नहीं करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर संचित निधि से एडवांस में 24 घंटे के अंदर काम को स्वीकृति प्रदान करेंगे.
OP चौधरी की ओर से पेश किया गया विनियोग विधेयक 2024-25 विधानसभा में पारित हो गया. इस मौके पर विधेयक पर चर्चा का जवाब देते चौधरी ने कहा कि किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार GSDP से निर्धारित होता है और इस वित्तीय वर्ष में राज्य की GSDP में 6.56 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2024, 25 के लिए विनियोग का आकार 01 लाख 60 हजार 568 करोड़ रुपए का है. सकल व्यय से ऋणों की अदायगी और पुर्नप्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 01 लाख 47 हजार 446 करोड़ अनुमानित है. राजस्व व्यय 01 लाख 24 हजार 840 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 22 हजार 300 करोड़ है.
राज्य के स्वयं के करों का राजस्व वर्ष 2023-24 में 38 हजार करोड़ की तुलना में वर्ष 2024-25 में बढ़कर 49 हजार 700 करोड़ अनुमानित (31 प्रतिशत वृद्धि) राज्य के स्वयं का करेत्तर राजस्व वर्ष 2023-24 में 18 हजार 200 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 18 हजार 700 करोड़ अनुमानित (3 प्रतिशत वृद्धि) है.
इस प्रकार राज्य का स्वयं का कुल राजस्व वर्ष 2023-24 में 56 हजार 200 करोड़ की तुलना में वर्ष 2024-25 में बढ़कर 68 हजार 400 करोड़ अनुमानित (22 प्रतिशत वृद्धि) केन्द्रीय प्राप्तियां वर्ष 2023-24 में रु. 49 हजार 800 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 57 हजार 500 करोड़ अनुमानित (15 प्रतिशत वृद्धि) है.
इस प्रकार गत वर्ष की तुलना मे केन्द्रीय प्राप्तियां 15 प्रतिशत एवं राज्य की स्वयं की राजस्व प्राप्तियां 22 प्रतिशत की दर से वृद्धि का अनुमान है.
उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2023-24 में कुल व्यय रुपये 01 लाख 21 हजार 500 करोड़ की तुलना में वर्ष 2024-25 हेतु 21 प्रतिशत वृद्धि के साथ 01 लाख 47 हजार 446 करोड़ अनुमानित है. वर्ष 2023-24 में पूंजीगत व्यय रुपये 18 हजार 660 करोड़ की तुलना में वर्ष 2024-25 हेतु 20 प्रतिशत वृद्धि के साथ 22 हजार 300 करोड़ अनुमानित है.
वर्ष 2024-25 में राजस्व 1 हजार 66 करोड़ रुपए अनुमानित है. इसमें चिरमिरी रेल लाइन के लिए 120 करोड़ रुपए, बिलासपुर सिम्स के लिए 700 करोड रुपए और रायपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 776 करोड़ रुपए का प्रावधान शामिल है.