छत्तीसगढ़ में जांच एजेंसी ED ने कोरबा, बिलासपुर, जांजगीर, सूरजपुर, बलरामपुर, बैकुंठपुर में छापेमारी की है. बालोद के डोंडीनगर में पूर्व मंत्री अनिला भेंडिया के प्रतिनिधि पीयूष सोनी, बैकुंठपुर जनपद के CEO राधेश्याम मिर्झा और कोरबा के कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल के घर पर कार्रवाई चल रही है.
बताया जा रहा है कि DMF (खनिज संस्थान न्यास) की राशि में अनियमितता को लेकर जांच एजेंसी ने ये कार्रवाई की है. पूर्व मंत्री अनिला भेंडिया के प्रतिनिधि पीयूष सोनी हाल ही में ED की रडार पर आए थे.
बालोद जिले के डोंडी नगर में पूर्व मंत्री अनिला भेंडिया के प्रतिनिधि पीयूष सोनी के आवास पर शुक्रवार सुबह पांच बजे ED के अधिकारी दो गाड़ियों से पहुंचे. पीयूष सोनी DMF मामले में कुछ दिनों पहले ही ED के टारगेट पर आए हैं.
ED की टीम सुबह-सुबह कोरबा के कांग्रेसी नेता JP अग्रवाल के DDM रोड स्थित आवास पहुंची और जांच शुरू की. मामला DMF फंड के अनियमियता से जुड़ा बताया जा रहा है. फिलहाल कार्रवाई जारी है.
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने शुक्रवार सुबह बलरामपुर जिले के बड़े ठेकेदार के अंबिकापुर स्थित घर में छापा मारा. यह मामला भी DMF घोटाले से जुड़ा हुआ है. अशोक अग्रवाल (कोढ़ी) करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं और यह संपत्ति उन्होंने कुछ सालों में अर्जित की है. बलरामपुर से लेकर बस्तर तक उनका ठेके का काम है.
जशपुर जिले के मनोरा जनदप के CEO वीरेंद्र कुमार राठौर के सरकारी और निजी निवास पर भी ED ने आज सुबह दबिश दी है. जानकारी के मुताबिक राठौर के सरकारी आवास में सुबह 5 बजे ही ED की टीम पहुंच गई, कार्रवाई जारी है.
बैकुंठपुर जनपद पंचायत CEO राधेश्याम मिर्झा के आवास पर भी कार्रवाई चल रही है. मिर्झा बैकुंठपुर के जल संसाधन विभाग के रेस्ट हाउस में रह रहे हैं. शुक्रवार तड़के दो गाड़ियों में पहुंची ED की टीम ने स्ट हाउस में पहुंचकर उन्हें उठाया और जांच शुरू की.
ED के अधिकारियों ने छापे को लेकर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है. राधेश्याम मिर्झा कांग्रेस शासनकाल में प्रभावशाली अधिकारी रहे हैं. कोरबा जिले की जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा में वे लगातार 3 साल तक रहे. यह राज्य की सबसे बड़ी जनपद पंचायत है, जहां 146 ग्राम पंचायतें हैं. पोड़ी-उपरोड़ा जनपद पंचायत में DMF का काम उनके कार्यकाल में बड़े पैमाने पर हुआ है था.
बताया जा रहा है कि DMF फंड में अनियमितता को लेकर ये कार्रवाई हो सकती है. हालांकि पुख्ता तौर पर छापे की वजह सामने नहीं आई है.
CEO राधेश्याम मिर्झा का मूल पद मंडल संयोजक का है फिर भी वे कई लग्जरी गाड़ियों के मालिक हैं. रसूखदार होने के साथ ही वसूली को लेकर वे विवादों में रहे हैं. ED की टीम उनके निवास पर भी दस्तावेज खंगाल रही है.