छत्तीसगढ़ की धर्मस्व नगरी राजिम में आयोजित राजिम कुंभ कल्प में संतों का आना शुरू हो गया है. कुंभ में आज संत समागम का कार्यक्रम आयोजित होगा. यह कार्यक्रम 8 मार्च तक चलेगा. कल शनिवार को नागा साधुओं ने पेशवाई निकाली, जहां अलौकिक श्रृंगार के साथ अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन किया गया.
राजिम कुंभ कल्प मेला में जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ों के नागा संत-सन्यासियों सहित महात्माओं ने भगवान दत्तात्रेय का आह्वान किया. यह पेशवाई दत्तात्रेय मंदिर से शस्त्र पूजन कर शुरू किया गया, जो संत समागम स्थित अपने पंडाल में पहुंचे. जहां विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर भगवान दत्तात्रेय को स्थापित किया गया.
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गुरुवार-शुक्रवार यानि कुंभ के 7वें दिन को जनकपुरी महाराज, भोलागिरि महाराज, शीतल गिरि महाराज, नागा साधु के अलावा अन्य संत भी पहुंचे थे. इन महाराज और साधुओं के रुकने और इसके साथ ही भोजन, पेयजल की सुविधा शासन उपलब्ध करा रहे हैं.
संतों ने कुंभ में दरबार लगाकर श्रद्धालुओं को आशीष वचन देना शुरू कर दिया है. संत समागम कार्यक्रम के मद्देनजर प्रशासनिक अधिकारी भी अलर्ट मोड में आ गए है. राजिम कुंभ में किसी तरह की अव्यवस्था ना फैले, इसलिए पुलिस बल बड़ी संख्या में तैनात किया गया है.
राजिम कल्प कुंभ समिति के सदस्य गिरीश बिस्सा ने बताया कि कुंभ में राजिम कुंभ कल्प में आज शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती औैर शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती के साथ वृंदावन और मध्यप्रदेश के संत भी पहुंचेंगे. उन्होंने राजिम कुंभ में पहुंचने की सहमति दे दी है.
इसके अलावा डासना देवी मंदिर के महंत और श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद महाराज, वृंदावन आश्रम के प्रेमानंद महाराज को भी न्यौता दिया गया है. मध्यप्रदेश के गुरुशरण शर्मा पंडोखर सरकार भी राजिम पहुंचेंगे.
कुंभ समिति के सदस्यों के अनुसार कथावाचक प्रदीप मिश्रा कल कुंभ में पहुंचेंगे. उनके आने की सहमति मिल चुकी है. मध्यप्रदेश के गुरुशरण शर्मा पंडोखर सरकार भी राजिम पहुंचेंगे. इन्हें न्यौता दिया गया है, जिस पर उन्होंने सहमति दे दी है. राजिम कुंभ कल्प मेला में आज से विराट संत-समागम का शुभारंभ होगा.
राजिम मेला के संत समागम स्थल पर साधु-संतों, महामंडलेश्वरों, आचार्य महात्माओं के लिए विशाल डोम, स्विस कॉटेज, कुटिया तथा यज्ञ शाला का निर्माण किया गया है. जिसमें संत महात्माओं द्वारा विभिन्न प्रकार के यज्ञ अनुष्ठान को पूरी वैदिक रीतियों के साथ सम्पन्न कराया जाएगा. संत समागम के विशाल मंच से संतों के प्रवचन आशीष वचन के रूप में श्रद्धालुओं को सुनने का पुण्य प्राप्त होगा.
संत-समागम स्थल में प्रतिदिन होने वाले यज्ञ हवन के लिए विशाल यज्ञ शाला का निर्माण भी किया गया है. जहां राजिम कुंभ कल्प में पधारे संतों द्वारा नित्य प्रति वैदिक मंत्रोच्चारण से हवन किया जायेगा. रोजाना मुख्य मंच से शाम को संतो के उद्बोधन, धर्म संसद में चर्चा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के समुचित बैठक व्यवस्था भी की गई है.
राजिम कुंभ कल्प इस बार भगवान श्रीराम को समर्पित किया गया है. कुंभ में हर दिन भगवान राम से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि कुंभ राममय हो सके. इस लिहाज से माना जा सकता है कि संत समागम भी राममय होकर प्रभु श्रीराम की भक्ति में सराबोर होने का अवसर श्रद्धालुओं को मिलेगा.
आज इन कार्यक्रमों का होगा आयोजन
- पंडवानी
- रामायण
- फाग मंडली
- लोककला मंच
- जगराता
- भजन संध्या
- लोकनृत्य
- योग प्रदर्शन
- शाही स्नान 8 मार्च को होगा
राजिम कुंभ में तीन महत्वपूर्ण स्नान होंगे. पहला स्नान 24 फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन हो चुका है. दूसरा स्नान कल जानकी जयंती के दिन होगा. तीसरा स्नान 8 मार्च को शिवरात्रि के दिन होगा, यही शाही स्नान होगा.