महादेव सट्टा मामले में ED के प्रतिवेदन पर EOW ने साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है. ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी के साथ अज्ञात पुलिस अधिकारियों पर भी FIR दर्ज की गई है. इसके अलावा कई कारोबारियों पर भी केस दर्ज किया गया है.
वहीं, महादेव सट्टा ऐप और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ED हिरासत में चल रहे गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. पेशी के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 12 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.
ED के प्रतिवेदन पर ACB EOW ने कोयला घोटाला, शराब घोटाला, DMF घोटाला और कस्टम मिलिंग मामले में केस दर्ज किया है. पिछले ढाई महीने में ACB EOW में ये 6वीं FIR दर्ज की गई है.
पिछले केस में ED के प्रतिवेदन के आधार पर नेताओं, पूर्व मंत्री, विधायक और IAS और रिटायर्ड IAS खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. इस बार कारोबारियों के साथ अज्ञात पुलिस अधिकारियों पर FIR दर्ज की गई है. इसमें किसी भी अधिकारी का नाम शामिल नहीं किया है.
प्रदेश में हुए शराब घोटाले और आबकारी में गड़बड़ी को लेकर की गई FIR में जांच शुरू हो गई. इस मामले पर EOW की टीम ने 13 से ज्यादा जगह पर छापेमारी भी की है. बाकी केस में अभी जांच शुरू नहीं हुई है. जल्द ही बाकी केस में नई टीम जांच करेगी.
महादेव सट्टा ऐप केस में सोमवार को सूरज चोखानी और गिरीश तलरेजा को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया जहां से दोनों आरोपियों को 12 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है. ED ने दोनों की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी. ED ने 4 दिन की रिमांड बढ़ाने की मांग रखी लेकिन सोमवार (11 मार्च) को स्पेशल कोर्ट ने कस्टोडियल रिमांड नहीं बढ़ाई.
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 7 दिनों के लिए रिमांड पर ED को सौंपा था. प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सूरज चोखानी और गिरीश तलरेजा से हिरासत में पूछताछ की थी जिसमें कई खुलासे भी सामने आए थे.