छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाला मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास की बेंच में हुई.
इससे पहले रायपुर की विशेष कोर्ट ने भी देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने माना था कि इस पूरे स्कैम से जुड़े पैसे का इस्तेमाल उन्होंने चुनाव में किया था. इसके बाद विधायक ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी.
पिछली सुनवाई में विधायक के वकील ने तर्क दिया था कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत देवेंद्र यादव के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. लिहाजा, उन्हें अपराधी नहीं बनाया जा सकता. उन्होंने कोर्ट से कहा कि किसी केस में केवल जानने से कोई मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत आरोपी नहीं बनाया जा सकता.
इस केस में विधायक को सिर्फ इसलिए आरोपी बनाया गया है, क्योंकि वो सूर्यकांत तिवारी को जानते हैं. सुनवाई के दौरान ED के वकील ने अग्रिम जमानत देने का विरोध किया और जांच में मिले साक्ष्यों को बताया. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
2 मार्च को कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस नेता विनोद तिवारी और आरपी सिंह के खिलाफ दूसरा जमानती वारंट जारी किया था. सभी आरोपियों को 27 मार्च तक कोर्ट में हाजिर होने को कहा है. कोल घोटाले के मामले में 2 मार्च को कोर्ट में देवेंद्र यादव ने अनुपस्थिति को माफ करने के लिए आवेदन लगाया गया था. दोनों पक्षों के सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट ने आवेदन खारिज किया था.
रायपुर की विशेष कोर्ट से देवेंद्र यादव को पेश होने के लिए लगातार समन भेजा जा रहा है. पिछली सुनवाई में दूसरा जमानती वारंट जारी किया गया था. विधि जानकारों का कहना है हाईकोर्ट के फैसले के बाद रायपुर की स्पेशल कोर्ट गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है. अगर ऐसा हुआ तो विधायक देवेंद्र यादव गिरफ्तार किया जा सकता है.
इस मामले में रानू साहू, निखिल चंद्राकर के अलावा विनोद तिवारी, देवेंद्र यादव, चंद्रदेव राय, आरपी सिंह, रोशन सिंह, पीयूष साहू, नवनीत तिवारी, मनीष उपाध्याय, नारायण साहू आरोपी बनाए गए हैं. नारायण साहू और पीयूष साहू दोनों ही सूर्यकांत तिवारी के स्टाफ हैं.
रानू साहू और निखिल चंद्राकर के अलावा इनमें से किसी एक को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है. खबर है कि इन्हें पकड़ा जा सकता है. हालांकि इन आरोपियों के वकीलों ने जमानत हासिल करने की कोशिश शुरू कर दी है.
540 करोड़ रुपए के कोल घोटाले में ED ने निलंबित IAS रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत 6 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था. ये सभी ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल में हैं.
समझें क्या है कोल स्कैम
- ED ने छत्तीसगढ़ में जांच के बाद 540 करोड़ के कोल लेवी स्कैम का खुलासा किया था. इसमें IAS रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया.
- इसके अलावा कांग्रेस नेता और कुछ कारोबारी भी ED के जांच के दायरे में रहे. इन लोगों से पूछताछ की गई है और इनके घरों से कुछ दस्तावेजों को भी जब्त किया गया. ED ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का केस दर्ज किया है.
- कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलने का आरोप है. ये वूसली सिंडिकेट करता था, सिंडिकेट के लोगों के नाम पर ही FIR हुई है.