राजधानी रायपुर और भिलाई नगर निगम में 100 से 150 टन प्रतिदिन क्षमता के नगरीय ठोस अपशिष्ट पर आधारित कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्र की स्थापना की जाएगी. संयंत्र से करीब 200 से 250 टन नगरीय ठोस अपशिष्ट का उपयोग प्रतिदिन जैव ईंधन के उत्पादन में किया जाएगा. भारत पेट्रोलियम कार्पाेरेशन लिमिटेड की ओर से प्रदेश में इन 2 संयंत्रों की स्थापना के लिए करीब 100 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में उनके निवास कार्यालय में संयंत्र की स्थापना के लिए भारत पेट्रोलियम कार्पाेरेशन लिमिटेड, नगर निगम रायपुर और भिलाई तथा छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण के मध्य त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्र की स्थापना स्वच्छ शहर और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. संयंत्रों की स्थापना से राज्य में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से करीब 60 हजार मानव दिवस प्रतिवर्ष रोजगार का सृजन होगा. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों में पूर्ण क्षमता से उत्पादन और विक्रय होने पर राज्य को प्रतिवर्ष 45 लाख रुपये का GST प्राप्त होगा. साथ ही संयंत्र में सह-उत्पाद के रूप में जैविक खाद होगा. इससे प्रदेश में जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा. कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों की स्थापना से राज्य शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में आगे बढ़ेगा.
उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ शहर और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में राज्य सरकार अग्रसर है. कचरे का निष्पादन होने के बाद शहर की स्वच्छता बढ़ेगी. इस परियोजना से लोगों को स्वच्छ ऊर्जा के साथ रोजगार के भी अवसर मिलेंगे.