मां महामाया एयरपोर्ट दरिमा के लिए DGCA ने लाइसेंस जारी कर दिया है. इसके बाद अंबिकापुर से हवाई सेवाएं शुरू हो जाएंगी. लाइसेंस जारी करने के पहले अंतिम चरण में गुरुवार को नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) की 2 सदस्यीय टीम ने नवनिर्मित मां महामाया एयरपोर्ट का निरीक्षण किया था.
BCAS के क्लीयरेंस के बाद शुक्रवार को DGCA ने दरिमा एयरपोर्ट का लाइसेंस जारी कर दिया है. अंबिकापुर के दरिमा एयरपोर्ट से 72 सीटर विमान उड़ सकेंगे. दरिमा स्थित मां महामाया एयरपोर्ट में लगभग 47 करोड़ की लागत से 364 एकड़ में नए सिरे से 1920 मीटर लंबे एयरस्ट्रिप का निर्माण किया गया है.
इसमें 1800 मीटर का मुख्य रनवे शामिल है. रनवे की लंबाई और इसकी क्षमता को बढ़ाने के साथ ही टर्मिनल भवन की क्षमता भी बढ़ाकर 72 यात्रियों के लिए की गई है.
साथ ही एटीसी टावर, अप्रोन, पेरिमीटर रोड, ऑपरेशनल बाउंड्री, अराइवरल और डिपार्चर सेक्शन, एंटी हाइजेक रूम, मौसम विभाग के कार्यालय, फायर स्टोर, ट्रेनिंग सेंटर, इलेक्ट्रिक पैनल रूम सहित अन्य निर्माण कार्य किए गए है.
गुरुवार को दरिमा स्थित एयरपोर्ट का निरीक्षण करने BCAS की 2 सदस्यीय टीम ने अंतिम निरीक्षण किया था. ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी की टीम अक्टूबर माह में सरगुजा आई थी. पूर्व में भी दरिमा एयरपोर्ट को एयरपोर्ट सिक्योरिटी प्रोग्राम की मान्यता मिल चुकी है. टर्मिनल बिल्डिंग, रनवे व अन्य स्थानों पर सुरक्षा मानकों का जायजा लेने के बाद BCAS ने क्लीयरेंस दे दिया.
अंबिकापुर के मां महामाया एयरपोर्ट के लाइसेंस के लिए DGCA की टीम ने सितंबर 2023 में एयरपोर्ट का फाइनल निरीक्षण किया था. मई में किए गए निरीक्षण में बताई गई कमियों को सितंबर 2023 तक दूर कर लिया गया था. सुरक्षा मानकों का क्लीयरेंस जारी हो जाने के बाद शुक्रवार को लाइसेंस जारी हो गया है.
उड़ान योजना 4.2 के तहत हवाई सेवा शुरू करने अंबिकापुर-बिलासपुर-अंबिकापुर और अंबिकापुर-रायपुर-अंबिकापुर मार्ग को फ्लाई बिग एयरलाइन को अवॉर्ड कर दिया गया है. केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व डिप्टी CM TS सिंहदेव को पत्र भेजकर बताया था कि अंबिकापुर हवाई अड्डे का स्वामित्व छत्तीसगढ़ सरकार के पास है.
इसके इलावे राउरकेला रूट के फ्लाइट को अंबिकापुर डायवर्ट करने की योजना है. भविष्य में अंबिकापुर-बनारस की सेवाएं शुरू हो सकती हैं.
उड़ान योजना के पहले दौर के तहत अंबिकापुर हवाई अड्डे को आरसीएस उड़ानों के प्रचालन के लिए विकसित करने के लिए चिन्हित किया गया था. हवाई अड्डे का 3सी-वीएफआर के रूप में विकास कार्य पूरा हो गया है और लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही है. लाइसेंस प्राप्त होने के बाद एयरलाइन अंबिकापुर से उड़ाने प्रचालित कर सकती हैं.