छत्तीसगढ़ में ED ने ₹2000 करोड़ के शराब घाेटाले के दावे के साथ कारोबारी अनवर ढेबर को पकड़ा था. ED ने इस कार्रवाई के संबंध में अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से जानकारी दी है. ED ने ट्वीट किया कि अनवर को पता था कि ED उसे पकड़ सकती है, वो बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था और उसने फोन के सिम भी बदले.
ट्वीट में दावा किया गया है कि अनवर ढेबर को पकड़ने अधिकारियों की एक टीम 6 मई को तड़के होटल ग्रैंड इम्पीरिया गई. ED ने वहां पिछले दरवाजे से भागने की कोशिश करते हुए अनवर को पकड़ा. ED ने अपने ट्वीट में कहा है कि अनवर शराब घोटाले में मुख्य सरगना है, जिसमें आपराधिक सिंडिकेट ने लगभग ₹2000 करोड़ का अवैध रूप से कारोबार किया. बताया गया है कि 4 दिन की कस्टडी में अनवर को साथ रखा गया है और पूछताछ की जा रही है.
रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर समेत प्रदेश के हर बड़े प्रमुख शहरों की दुकानों में कई ब्रांड की शराब नहीं मिल रही है. अनजान और अजीब नामों के स्टिकर लगी बोतलें दुकानों से ग्राहकों को दी जा रही हैं और बीयर के कई ब्रांड बाजार से गायब हैं. लोकल ब्रांड की बीयर ही दुकानों में मिल रही है. अचानक चलन में रहने वाली कई प्रचलित ब्रांड नहीं मिल रहे हैं. ₹500 की क्वालिटी वाले प्रोडक्ट 900 – 1000 रुपए में बिक रहे हैं. चर्चा ये भी है कि सिंडिकेट पर बढ़े ED के शिकंजे की वजह से ब्रांड दुकानों तक नहीं पहुंच रहे हैं.
ED की अब तक की जांच में पता चला है कि साल 2019 से 2022 तक ₹2000 करोड़ का अवैध धन शराब के काम से पैदा किया. इसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए खपाया. ED ने ऑन रिकॉर्ड कहा है कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक पैसे बांटे और बाकी की बड़ी रकम अपने पॉलिटिकल मास्टर्स को दी है.
ED के मुताबिक घर छोड़कर अनवर होटल ग्रैंड इम्पीरिया के कमरा नंबर 205 में था. उनके नाम पर कोई एंट्री नहीं थी, सिर्फ होटल चलाने वाले जानते थे कि अनवर वहीं हैं. इनपुट मिलते ही रेड मारकर उसे पकड़ा और इसके पास से 2 जिओ डोंगल, 2 आईफोन और एक सामान्य फोन मिला है. ED के मुताबिक वह बेनामी सिम का इस्तेमाल कर रहा था. उससे अब पूछताछ जारी है.