रायपुर में अक्षय तृतीया का महापर्व और भारत वर्ष में आदिनाथ पार्णा दिवस के रूप में दिगंबर जैन संप्रदाय ने धार्मिक अवसर का मनाया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण दिन पर रायपुर के पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, टैगोर नगर, मंदिर के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंदिर के सभी सदस्यों ने इस धार्मिक अवसर पर अपना सहयोग प्रदान किया। सुबह 7 बजे मंदिर में मूल नायक पार्श्वनाथ भगवान एवं सभी चल मूर्तियों को पांडुशिला में विराजमान किया गया। इसके बाद प्रसूक जल से स्वर्ण कलशों द्वारा अभिषेक एवं रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता शांति धारा की गई।
रायपुर- अक्षय तृतीय महापर्व और भारत वर्ष में आदिनाथ पारणा दिवस के रूप में दिंगबर जैन संप्रदाय मनाता है। इस दिन सभी दिगंबर जैन मंदिरों तरह तरह के आयोजन किए जाते है। 10 मई, अक्षय तृतीया के महापर्व पर राजधानी के पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर टैगोर नगर के रजत स्थापना दिवस मंदिर के 25 वर्ष स्थापना के पूर्ण होने पर मनाया जा रहा है। समिति के उपाध्यक्ष नवीन जैन मोदी ने बताया कि आज अक्षय तृतीय के दिन ही पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर टैगोर नगर का निर्माण कार्य पूर्ण होकर चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान को विराजमान किया गया था। जिसमे समाज के सभी वर्ग के लोगो ने तन मन धन से बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेकर अपना अपना सहयोग प्रदान किया था।
हिंदू धर्म में अक्ती या अक्षय तृतीया को बहुत शुभ माना गया है, इसी तरह जैन धर्म में भी इस दिन का महत्व कुछ कम नहीं है। जैन धर्म में अक्षय तृतीया पर दान का विशेष महत्व बताया गया है। जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान आदिनाथ ने सबसे पहले समाज में दान के महत्व को समझाया था और दान की शुरुआत की थी। जैन धर्म में अक्षय तृतीया के दिन लोग आहार दान, ज्ञान दान, औषधि दान या फिर मंदिरों में दान करते हैं। बता दें कि जैन धर्म की मान्यता के हिसाब से भगवान आदिनाथ ने इस दुनिया को असि-मसि कृषि के बारे में बताया था। इसे आसान भाषा में समझे तो असि यानी तलवार चलाना, मसि यानी स्याही से लिखना, कृषि यानी खेती करना होता है। भगवान आदिनाथ ने ही लोगों को इन विद्याओं के बारे में समझाया और लोगों को जीवन यापन के लिए इन्हें सीखने का उपदेश दिया। कहते हैं कि भगवान आदिनाथ ने ही सबसे पहले अपनी बेटियों को पढ़ाकर जीवन से में शिक्षा का महत्व बताया था।
समाज के सम्मानीय व्यक्तियों का हुआ सम्मान
आज मंदिर के गौरवपूर्ण 25 वें स्थापना दिवस पर होने के उपलक्ष्य में सुबह 7 बजे मूल नायक पार्श्वनाथ भगवान एवं सभी चल मूर्तियों को पांडुशिला में विराजमान कर प्रसूक जल से स्वर्ण कलशों व्दारा अभिषेक एवं रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता शांति धारा की गई। प्रथम अभिषेक एवं शांति धारा का सौभाग्य श्रीमान सुरेश चंद संजय कुमार अजय कुमार जैन जेनसन परिवार को प्राप्त हुआ। साथ ही संगीतमय आरती तथा नित्यमह पूजन किया गया। इसके पश्चात शांतिनाथ विधान का भी आयोजन मंदिर में किया गया।सुबह 10 बजे से संत भवन में टैगोर नगर मंदिर समाज के वरिष्ठ सभी बुजुर्ग जनों का आत्मीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। जिसमे टैगोर नगर मंदिर परिवार संस्थापक सदस्य सुरेश चंद जैन जीवनलाल जैन राजकुमार जैन शरद कुमार जैन एवं स्वर्गीय प्रेमचंद गुरहा स्वर्गीय प्रफुल्ल कुमार जैन एवं स्वर्गीय रमेश चंद जैन और समाज के सभी बुजुर्गजनों का आत्मीय सम्मान शाल श्रीफल स्मृति चिन्ह देकर किया गया। इस अवसर पर टैगोर नगर मंदिर के अध्यक्ष राजेश जैन,सचिव प्रियांक जैन,कोषाध्यक्ष संदीप उपाध्यक्ष नवीन मोदी,सहसचिव सुबोध जैन,कार्यकारिणी सदस्य रजनीश जैन,पुष्पेंद्र जैन के साथ जैन सॉफ्टवेयर फॉउंडेशन के संस्थापक सोहिल जैन, अजय जैन, भागचंद जैन, सुमत जैन, यशोधर सिंघाई स्वस्तिक आरके जैन, उदय चंद जैन, निर्मल जैन, अरूण जैन, डॉ.भागचंद जैन, श्रीमती राजेश गुरहा, श्रीमती विमला देवी, वैभव जैन एवं टैगोर नगर महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती कंचन जैन, सचिन श्रीमती कविता मोदी, कोषाध्यक्ष प्रीति जैन उपस्थित थी।