शनिवार को छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में भयंकर ब्लास्ट हुआ था। ब्लास्ट में मजदूरों के शवों के चिथड़े उड़ गए हैं। घटना स्थल पर मौजूद राहतकर्मी शरीर के एक-एक अंग के बीन रहे हैं। उन अंगों से मजदूरों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है।
बेमेतरा- बेमेतरा में ब्लास्ट के बाद परिजन अपनों की तलाश में भटक रहे हैं। हर नेता और प्रशासन के अधिकारियों से पूछ रहे हैं कि उनके घर के सदस्य जो कल से लापता हैं, कहां हैं? शनिवार बेमेतरा के स्पेशल ब्लास्ट फैक्ट्री में हुए हादसे के बाद कई परिवार उजड़ गए हैं। लापता हुए लोगों के परिजन गेट के बाहर धरने पर बैठे हैं। उन्हें गेट के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। उनके सामने मीडियाकर्मी या नेता अगर गेट के अंदर जा रहे हैं तो परिजन बुरी तरह भड़क रहे हैं। चिल्लाते हुए पूछ रहे हैं कि क्या ये लोग हमारे घर के सदस्य की बॉडी उठाएंगे या मलवा हटाएंगे। आखिर क्यों सिर्फ इन्हें (मीडिया और नेताओं) को गेट के अंदर जाने दिया जा रहा है।
हादसे वाली जगह जहरीली गैस निकल रही है। हादसे वाली जगह से लगभग 10 मीटर के आस-पास उसी गैस का रिसाव हो रहा है, जिससे कई लोगों की मौत हो सकती है। 100 से ज्यादा राहत कार्य में जुटे कर्मचारियों का ढाढ़स टूट रहा है। 30 घण्टे से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन मलबे में दबे लोगों के सिर्फ शरीर के अंग ही बरामद हो रहे हैं। इन तस्वीरों को देख कर लग रहा है कि हादसा कितना भीषण हुआ है। हादसे के बाद प्रशानिक अमला भी अभी खुले तौर पर नहीं बता पा रहा है कि कितने लोग अंदर दबे हुए हैं।
ब्लास्ट वाली जगह 15-20 फीट का गड्ढा
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में हुए इस हादसे को लेकर प्रशासन ने 7 मजदूरों के लापता होने की पुष्टि की है। इनकी तलाश के लिए शनिवार को दिनभर और रविवार सुबह से मलबा हटाया जा रहा है। वहीं कई महिलाएं और मजदूरों के परिजन भी रात से ही घरों के सदस्यों की तलाश में फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे हैं। घटना बेरला ब्लॉक के ग्राम बोरसी स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड बारूद फैक्ट्री की है। ब्लास्ट से आस-पास की बिल्डिंग तक हिल गई। जहां ब्लास्ट हुआ वहां 15-20 फीट का गड्ढा हो गया।
परिजनों में आक्रोश
रविवार को बेमेतरा विधायक दीपेश साहू घटना स्थल पहुंचे थे। उन्हें एक बार फिर प्रदर्शनकारियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। विधायक प्रदर्शनकरियों के साथ बैठे और कुछ देर बाद जाने लगे तभी ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया। ग्रामीणों ने सवाल पूछा कि मीडिया और नेताओं को क्यों अंदर भेजा जा रहा है। पुलिस सुरक्षा के बीच उन्हें वापस फैक्ट्री के भीतर ले जाया गया है। हादसे वाली जगह से जैसे ही कोई खबर बाहर आ रही है वैसे ही बाहर परिजनों का आक्रोश और नम आंखों से प्रशासन का सामना हो रहा है।