मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत, कुरुद विधायक अजय चंद्राकर, बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल और बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक।
रायपुर- छत्तीसगढ़ को शीघ्र ही दो नए मंत्री मिलेंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल कर दोनों चेहरों पर अंतिम मुहर लगाएंगे। मोदी से मिलने साय ने सोमवार 24 जून को नई दिल्ली की उड़ान भरी। मोदी से पहले साय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मिलेंगे।
छत्तीसगढ़ कैबिनेट में अभी दो मंत्रियों का पद रिक्त है। भाजपा ने जब छत्तीसगढ़ की कमान संभाली साय ने एक पद खाली रखा था और दूसरा पद हाल ही में रायपुर लोक सभा से जीत हासिल करने वाले बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली हुआ है। अग्रवाल ने 2023 विधान सभा चुनाव में रायपुर दक्षिण विधान सभा से लगातार आठवीं जीत हासिल की थी।
छत्तीसगढ़ सरकार में बनने के लिए भाजपा विधायकों में होड़ लगी हुई है। सभी अपनी अपनी दावेदारी कर रहे हैं। पार्टी सबको अपनी बात कहने का अवसर दे रही है। हालांकि दोनों मंत्री पदों के लिए नए चेहरों का चयन सोशल इंजीनियरिंग और वर्तमान स्थितियों के अनुसार ही होगा। मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं रायपुर पश्चिम के एमएलए राजेश मूणत, कुरुद विधायक अजय चंद्राकर, बिलासपुर एमएलए अमर अग्रवाल और बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक।
पार्टी ने साय सरकार में जिस तरह से मंत्रियों की चुना है उससे यह भी माना जा रहा है कि मोदी एक बार फिर चौंकाएंगे और बिलकुल नए चेहरों को मौका दे सकते हैं। मंत्री पद के लिए पूरा संघर्ष अनुभवी कैंप और नए चेहरों के बीच है लेकिन आखरी स्टाम्प मोदी और नड्डा ही लगाएंगे।
कैबिनेट का गठन और संरचना
छत्तीसगढ़ में 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 90 सीटों में से 54 सीटें जीतकर बहुमत प्राप्त किया। इसके बाद विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। उनकी कैबिनेट में कुल 12 मंत्री शामिल हुए और एक पद को रिक्त रखा गया। साय के साथ दो उप मुख्यमंत्री भी बने – अरुण साव और विजय शर्मा।
कैबिनेट के मंत्री
साय के कैबिनेट में विविधता का ध्यान रखा गया है। इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और अनुसूचित जाति (एससी) के मंत्री शामिल किए गए। इस कैबिनेट में कुल 6 ओबीसी मंत्री बने – अरुण साव, लखन लाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओपी चौधरी, टंक राम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े।
इसी तरह आदिवासी आबादी को प्रतिनिधित्व करने वाले एसटी मंत्री बने – विष्णु देव साय, रामविचार नेताम और केदार कश्यप। एससी समुदाय से एकमात्र मंत्री बने – दयालदास बघेल। इसके अलावा, विजय शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल को सामान्य वर्ग से चुना गया। अग्रवाल ने हाल ही में मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा दिया है।
कैबिनेट की प्राथमिकताएं और नीतियां
कैबिनेट की पहली बैठक में ही कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों में 18 लाख घरों का निर्माण, किसानों की आय दोगुनी करने के लिए योजनाएं, और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके अलावा, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए भी कई योजनाएं बनाई गई हैं।
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्मी राजवाड़े को कैबिनेट में शामिल किया गया है। उन्होंने यह घोषणा की कि महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी और विभिन्न विकास योजनाओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। श्याम बिहारी जायसवाल ने किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से कार्य करने की बात कही।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
ग्रामीण विकास: कैबिनेट ने ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए 5,000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है।
शिक्षा: सरकार ने राज्य में 200 नए स्कूलों और 50 कॉलेजों की स्थापना की योजना बनाई है।
स्वास्थ्य: सभी जिलों में नए अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की जाएगी।