AIIMS रायपुर के चिकित्सकों की एक टीम ने गर्दन और कंधे के एक दुर्लभ ब्रेकियल प्लेक्सस कैंसर की सर्जरी सफलतापूर्वक की है. जब रोगी AIIMS पहुंचा तो शरीर के ऊपर के हिस्से में ब्लड सप्लाई करने वाली नसों में कैंसर फैल चुका था. सर्जरी के बाद रोगी पूर्णतः स्वस्थ है और अब रेडिएशन थैरेपी की मदद से सामान्य जीवन की ओर कदम बढ़ा रहा है. निदेशक डॉ. अजय सिंह ने चिकित्सकों को सफलता पर बधाई दी है.
मुंगेली जिले के 56 वर्षीय कृषक को तीन महीने पूर्व बाएं गर्दन और कंधे में दर्द, झुनझुनी, सूजन की शिकायत थी. धीरे-धीरे हाथ ने काम करना भी बंद कर दिया. स्थानीय स्तर पर इलाज के बाद जब कोई लाभ नहीं हुआ तब किसान और उसके स्वजन ने एम्स के चिकित्सकों की सलाह ली. चिकित्सकों द्वारा किए गए टेस्ट से रोगी को दुर्लभ ब्रेकियल प्लेक्सस कैंसर का पता चला.
प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रभारी डॉ. जितेन मिश्रा ने बताया कि पीड़ित ने जब संपर्क किया तो शरीर के ऊपर के हिस्से में ब्लड सप्लाई करने वाली नसों में कैंसर फैल चुका था. ट्यूमर की वजह से गर्दन की रक्त वाहिकाओं में अवरोध उत्पन्न हो रहा था. ट्यूमर के हड्डी के निचले हिस्से में दबे होने के कारण पहले हड्डी को आपरेट करने की आवश्यकता थी.
डॉ. जितेन मिश्रा ने बताया कि आपरेशन के लिए प्लास्टिक सर्जरी के साथ आर्थोपेडिक्स और एनेस्थिसिया विभाग के चिकित्सकों के समन्वय से टीम गठित की गई. सबसे पहले आर्थोपेडिक्स के चिकित्सकों ने हड्डी को काटकर अलग किया फिर ट्यूमर को ऑपरेट किया. इसके बाद हड्डी को पुनः अपने स्थान पर प्रत्यारोपित किया गया. पांच घंटे चला ऑपरेशन सफल रहा. अब रोगी पूर्णतः स्वस्थ है. उसके हाथ ने भी कार्य शुरू कर दिया है. हालांकि इस प्रकार के ऑपरेशन में मृत्यु दर या आर्ट अटैक होने का खतरा अधिक रहता है.