मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को जरूरी नियमों का पालन करना होगा. ऐसा नहीं करने पर उन्हें पेनाल्टी पटाने से लेकर काउंसिलिंग से बाहर होना पड़ सकता है. दूसरे व अंतिम राउंड की काउंसिलिंग में प्रवेश की अंतिम तिथि के बाद सीट छोड़ने पर अनारक्षित वर्ग के छात्रों को 25 लाख व आरक्षित वर्ग के छात्रों को 20 लाख जुर्माना पटाना पड़ेगा. यही नहीं पहले राउंड में अगर किसी सरकारी कॉलेज में सीट मिली है तो एडमिशन लेना अनिवार्य होगा.
ऐसा नहीं करने पर पूरी काउंसिलिंग प्रक्रिया से बाहर होना पड़ेगा. इससे छात्रों को पूरी काउंसिलिंग में किसी भी कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलेगा. प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों की 1910 सीटों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग शुरू हो गई है. NEET क्वालिफाइड छात्र 1 अगस्त तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे. छात्रों को च्वाइस फिलिंग से लेकर एडमिशन होने तक जरूरी प्रवेश नियमों का पालन करना होगा.
DME की सीट मैट्रिक्स के अनुसार नए सत्र में BDS की 300 सीटों पर एडमिशन दिया जाएगा. इसमें एक सरकारी व दो निजी कॉलेज शामिल है. सरकारी व निजी कॉलेजों में 100-100 सीटें हैं. सरकारी कॉलेजों में 82% व निजी में 50% सीटें स्टेट कोटे से भरी जाएंगी. वहीं निजी की आधी सीटें मैनेजमेंट कोटे के लिए आरक्षित है. अधिकारियों के अनुसार MBBS व BDS कोर्स में एडमिशन साथ-साथ चलेगा.
पहले राउंड में आवंटन सूची 3 अगस्त को जारी की जाएगी. इसके बाद छात्रों को 17 अगस्त तक हर हाल में एडमिशन लेना होगा. अच्छी रैंक वाले छात्र सरकारी कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं. उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि अगर 10 सरकारी में किसी भी कॉलेज में सीट मिली है तो एडमिशन ले लें. इसके बाद उन्हें अपग्रेड होने का मौका मिलेगा. इसके लिए DME कार्यालय मौका देगा. रैंक के अनुसार उन्हें दूसरा कॉलेज मिल सकता है. दूसरे राउंड में सीट छोड़ने पर जुर्माना का प्रावधान इसलिए है, क्योंकि एडमिशन के लिए तीसरे राउंड के बाद मापअप व स्ट्रे राउंड ही बचता है. अंतिम राउंड में प्रवेश लेने वाले भी सीट नहीं छोड़ सकते, क्योंकि इसके बाद एडमिशन के लिए समय ही नहीं बचता. सीटें छोड़ने पर उन्हें बांड की राशि जमा करनी होगी.
इन नियनों पर भी ध्यान दें
- आरक्षित वर्ग के छात्रों के पास एडमिशन के समय जाति और निवासी प्रमाणपत्र जरूर हाें
- जनरल केटेगरी से एडमिशन ले रहे हैं तो भी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी प्रमाणपत्र जरूरी
- निजी मेडिकल कॉलेजों में मैनेजमेंट की सीटों पर दूसरे राज्यों के छात्रों को प्रवेश दे सकते हैं
- सभी जरूरी दस्तावेज न होने पर एडमिशन से वंचित किया जा सकता है स्टूडेंट्स को
- आखिरी राउंड में पहले से पंजीकृत छात्र-छात्राएं ही एडमिशन के लिए पात्र होंगे
- अंतिम आवंटन में छात्र को स्वयं उपस्थित होना होगा. अथारिटी लेटर नहीं चलेगा
- निर्धारित ऑनलाइन व पंजीयन शुल्क पटाना जरूरी, नहीं तो काउंसिलिंग के लिए अपात्र