छत्तीसगढ़ में पटवारियों की हड़ताल पर राज्य सरकार ने एस्मा लगा दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश और नाराजगी के बाद गृह विभाग ने एस्मा लगाने का आदेश जारी किया. एक दिन पहले ही राजस्व विभाग ने पटवारियों की ID को ब्लॉक कर दिया था. छत्तीसगढ़ राजस्व पटवारी संघ के बैनर तले 15 मई से जारी पटवारियों की हड़ताल से कामकाज बुरी तरह से प्रभावित है. मंगलवार को मुख्यमंत्री बघेल ने नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि पटवारियों की हड़ताल के चलते युवाओं की नौकरी, आम जनता के रोजमर्रा के काम और भत्ते से संबंधित कोई भी काम प्रभावित नहीं होना चाहिए.
23 दिन से चल रही हड़ताल के मद़्देनजर राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979 की शक्तियों का प्रयोग किया है. यह आदेश सात जून से प्रभावीशील है और आगामी तीन महीने के लिए प्रभावशील रहेगा. आदेश को राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया गया है. इस बीच, पटवारी संघ की बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. राजस्व पटवारी संघ के प्रांताध्यक्ष भागवत कश्यप ने कहा कि एस्मा लगाने के बाद भी हड़ताल जारी रहेगी.
अधिकारियों ने बताया कि इस एक्ट के तहत राजस्व विभाग से जुड़ी अत्यावश्यक सेवाएं आती हैं. पटवारियों की हड़ताल के चलते शिक्षा सत्र चालू होने और रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रियाधीन होने से विद्यार्थियों को जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है. इन जरूरी दस्तावेजों के नहीं बनने से इन विद्यार्थियों को आने वाली दिक्कतों को संज्ञान में लेते हुए यह आदेश जारी किया है. साथ ही कृषि कार्य भी आरंभ होने वाला है. ग्रामीण क्षेत्रों में सीमांकन, बटांकन और नामांतरण की कार्रवाई शासकीय योजनाओं का लाभ लेने अत्यावश्यक है. पटवारी प्रतिवेदन के अभाव में राजस्व न्यायालयों का कार्य प्रभावित हो रहा है. लोगों का कार्य सुचारू रूप से हो सके, उन्हें किसी तरह की दिक्कत न आए, इसके चलते यह आदेश जारी किया गया है.
छत्तीसगढ़ राजस्व विभाग सचिव नीलम एन. एक्का का कहना है कि पटवारियों को अब काम पर लौटना चाहिए. एस्मा लगने के बाद यदि कोई अवहेलना किया तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.