विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट के लिए दावेदार सक्रिय हो गए हैं. प्रदेश के कोने-कोने में दीवार पर वाल पेंटिंग से लेकर इंटरनेट मीडिया पर दावेदारी सामने आ रही है. इस बीच, कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश प्रभारी और चुनाव समिति के सदस्यों के सामने आवेदन पेश करना शुरू कर दिया है.
प्रदेश में कांग्रेस के 71 विधायक हैं और कमजोर परफार्मेंस वाले विधायकों की टिकट कट सकती है. इसलिए कई विधानसभा क्षेत्र से ऐसे भी दावेदार सामने आ रहे हैं, जो विधायकों की कमियों को प्रदेश नेतृत्व के सामने रख रहे हैं.
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस में टिकट के लिए ब्लॉक स्तर पर दावेदारों का आवेदन लिया जाएगा. दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने इसी प्रक्रिया का पालन किया था. ब्लॉक स्तर, जिला स्तर और प्रदेश स्तर पर आवेदन पहुंचे थे.
प्रदेश अध्यक्ष बैज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से टिकट का वितरण करती है. पार्टी के लिए अच्छा है कि ज्यादा से ज्यादा दावेदार सामने आए. जो लोग क्षेत्र में काम करते हैं, वह टिकट की मांग कर रहे हैं. क्षेत्र में सक्रिय है और कार्यकर्ता भी उनके साथ हैं, ऐसे लोगों से पार्टी मजबूत होती है. बैज ने बताया कि पार्टी में टिकट वितरण की प्रक्रिया है, जिसमें ब्लॉक स्तर पर आवेदन होता है. उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होती है.
कांग्रेस की प्रदेश पदाधिकारियों की सूची अगस्त के पहले सप्ताह में आ जाएगी. बताया जा रहा है कि तीन प्रदेश महासचिव और 100 से ज्यादा प्रदेश सचिवों की नियुक्ति होगी. इसके साथ ही प्रदेश संयुक्त महासचिव के पद पर भी नियुक्ति की जाएगी.
दीपक बैज ने कहा है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के व्यवहारिक निर्णयों से छत्तीसगढ़ में युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिले. ना केवल स्थाई और नियमित सरकारी नौकरी के अवसर मिले हैं, बल्कि नई औद्योगिक नीति 2019 से 2024 के माध्यम से निजी क्षेत्रों में भी छत्तीसगढ़ में रोजगार के अवसर बढ़े हैं. इससे युवाओं का भरोसा सरकार के प्रति बढ़ा है.
रमन सरकार ने ना रोजगार दिए ना ही बेरोजगारी भत्ता, जबकि 2003 के घोषणापत्र में भाजपा का वादा था कि प्रत्येक आदिवासी परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 12वीं पास पंजीकृत युवा को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.