
जब अपने आसपास आदिवासी क्षेत्रों में बाइबल बांटती देखी, तब मेरे मन में श्रीरामचरितमानस की प्रतियां बांटने का विचार आया. यह कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांकेर के लोकसभा सदस्य व वरिष्ठ भाजपा नेता मोहन मंडावी का. रामायणी सांसद के नाम से प्रसिद्ध मंडावी 22 वर्षों में श्रीरामचरितमानस की 48 हजार प्रतियां बांट चुके हैं. उनका लक्ष्य 51 हजार प्रतियां बांटने का है.
63 वर्षीय सांसद मंडावी ने बताया कि 2002 में उन्होंने गीता प्रेस के द्वारा प्रकाशित श्रीरामचरितमानस बांटने की शुरुआत की थी. तब से यह सिलसिला चल रहा है. वह अपने वाहन में रामचरितमानस की प्रतियां लेकर चलते हैं, जो भी मांगता है, उन्हें दे देते हैं. मंडावी अब तक लगभग 1 करोड़ से अधिक मूल्य की रामचरितमानस की 48 हजार प्रतियां बांट चुके हैं. सांसद ने बताया कि उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रभात शुक्ला, अरविंद कर्मा, श्याम गुप्ता, नंदू राठी, तपेश झा, श्रीनिवास राव सहित अन्य दानदाताओं से प्रतियां मिलती हैं.
धार्मिक-सामाजिक सेवा में सक्रिय मोहन मंडावी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं. वह प्रसिद्व रामकथा मानस गायक हैं. वह 2019 में कांकेर से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बने हैं. उनका जन्म कांकेर जिले के ग्राम गोटीटोला (चंदेली) के कृषक परिवार में हुआ है. उनके पिता पहाड़ सिंह मंडावी व माता मेहतरीन बाई थीं.
छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश और ओडिशा के कई गांवों में मोहन मंडावी की रामायण मंडली है. हर साल इन मंडलियों द्वारा गांवों में रामायण मानसगान सम्मेलन और प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. वह ग्रामीणों के आमंत्रण पर गांव पहुंचकर रामसत्ता कार्यक्रम में शामिल होते है और वहां रामचरित मानस की प्रतियां बांटकर प्रभु श्रीराम के गुणों का अनुसरण करने का आग्रह करते हैं. इसके साथ ही ग्रामीणों को हिंदू धर्म और संस्कृति का महत्व समझाते है. उनका उद्देश्य समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर जन-जन को प्रभु श्रीराम से जोड़ना है.
रामचरितमानस की चौपाई जे रामेस्वर दरसनु करिहहिं। ते तनु तजि मम लोक सिधरिहहिं।। जो गंगाजलु आनि चढ़ाइहि। सो साजुज्य मुक्ति नर पाइहि।। कहकर सांसद मंडावी ने बताया कि उन्हें रामचरितमानस बांटने में आनंद की अनुभूति होती है. वह बताते हैं- मैं हारमोनियम, बैंजो में मास्टर हूं. मेरा जहां कार्यक्रम होता है, वहां एक दर्जन प्रतियां रख देते हैं, फिर वहां पर्ची निकालते है, जिसे माताओं को देते है. माताएं भी पुस्तक को अपने आंचल में ग्रहण करती है और घर जाकर पूजा करती हैं.
पिछले वर्ष जगदलपुर प्रवास पर आए PM नरेन्द्र मोदी ने मंडावी के चौपाई युक्त भाषण को सुनकर उनकी पीठ थपथपाई थी. कांकेर दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि आपके सांसद रामचरितमानस बांट रहे हैं. राम के प्रतियां बांट लोगों में आस्था जगा रहे हैं. बता दें कि मंडावी सदन में भी हर मुद्दे और विकास कार्यों की मांग रामचरितमानस की चौपाइयों के माध्यम से करते हैं. मंडावी ने कहा कि मैं जहां-जहां जाता हूं, माताओं से निवेदन करता हूं कि बेटी की शादी में एक रामचरितमानस जरूर दें. मेरा मानना है कि जिसके घर में रामचरितमानस पहुंच गई, उसके घर में विकास होता है.