बलौदाबाजार और महासमुंद जिले में पिछले 15 दिनों से बाघ देखने की चर्चा जोरों में हैं. जिले के लवन रेंज जहां वन विकास निगम क्षेत्र के घने जंगल में बाघ के विचरण करने की पुष्टि अधिकारी कर रहे है. ट्रेकिंग टीम को बाघ के दर्जनों पदचिन्ह मिले हैं, हालांकि विभाग ने अधिकृत तौर से बाघ की कोई तस्वीर जारी नहीं की है.
दरअसल, बाघ को महासमुंद के एरिया में सड़क पार करते राहगीरों ने देखा और उसका वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल किया गया था. इसके बाद महासमुंद, बलौदा बाजार जिला और वन विकास निगम की सयुक्त टीम गठित कर बाघ की सही जानकारी लेने जगह-जगह ट्रेकिंग कैमरा लगाए. वहीं बाघ के पदचिन्ह देखने के बाद ट्रेकिंग टीम लगातार विभाग को अपडेट दे रहे हैं.
विभाग राष्टीय बाघ अधिनियम की गाइडलाइन के अनुसार काम कर रही है. घने जंगल में जहां पर बाघ का मूवमेंट है, उस क्षेत्र के ग्रामीणों को अंदर और अकेले आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है. जगंल में बाघ की मौजूदगी को लेकर विभाग लगातार मुनादी करवा रहा है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके.
बता दें कि जंगल के आस-पास रहने वाले अक्सर खाली समय या गर्मी के दिनों मे जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने या महुआ बिनने, जलाऊ लकड़ी, जड़ी बूटी लाने सुबह से ही निकल जाते है. लगातार सूचना देकर घर पर ही सुरक्षित रहने की अपील की जा रही है.
वहीं बलौदा बाजार जिले और वन विकास निगम के घने जंगल में एक दंतैल हाथी और एक बाघ दोनों विचरण कर रहे हैं. इससे जंगल के अंदर जाना जान के लिए जोखिम भरा है, क्योंकि हाथी भी काफी खतरनाक है जो झुंड से बिछड़कर अकेले ही जंगल में घूम रहा है.
इस संबंध में बलौदाबाजार जिले के DFO मयंक अग्रवाल ने बताया कि हमारे जिले में बाघ का मूवमेंट है, जिसके ऊपर निगरानी रखने 3 संयुक्त टीम गठित किया गया है. इसमें बलौदा बाजार महासमुंद जिला और वन विकास निगम के अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं.
एक टीम बाघ की ट्रेकिंग कर रहा है, दूसरा स्थानीय टीम गांव और जंगल के आस-पास निगरानी कर लगातार गांववालों को मुनादी कर बाघ और हाथी के आने की खबर दे रहे हैं. तीसरी टीम राष्ट्रीय बाघ नियम के गाइडलाइन का पालन करते हुए उस पर काम कर रही है.
DFO ने कहा कि हमारे लिए बाघ और मनुष्य दोनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, इसलिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि किसी प्रकार का कोई अप्रिय स्थिति निर्मित न हो जाए. जंगल के अंदर जाने वाले सभी रास्ते बंद करा दिए गए हैं.
जंगल में किसी भी संदेही व्यक्ति के प्रवेश पर भी नजर रखा जा रहा है. आस-पास के गांववालों को लगातार समझाया जा रहा है और उनसे सहयोग की अपील भी की जा रही है.