बस्तर जिले के एक गांव में नवजात बच्ची को उसकी मां ने मरने के लिए चूहों के बिल में डाल दिया. रोने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे लोगों ने उसे बाहर निकाला. इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि बच्ची की हालत अभी ठीक है. मामला कोड़ेनार थाना क्षेत्र का है.
जानकारी के मुताबिक तोकापाल गांव की रहने वाली युवती का एक युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था. युवती गर्भवती थी. 22 जनवरी की आधी रात उसने बच्ची को जन्म दिया. जिसके बाद उसने इसकी जानकारी प्रेमी को दी. युवक ने प्रेमिका और बच्ची को अपनाने से मना कर दिया था.
अगले दिन 23 जनवरी को युवती ने नवजात को मारने का प्लान बनाया और गांव में ही नीलगिरी के पेड़ के पास चूहों के बिल में बच्ची को डालकर पाट दिया. जिस समय नवजात को पाटा गया, उसके कुछ देर बाद ही गांव के सरपंच पति ने सबसे पहले रोने की आवाज सुनकर वहां जाकर देखा था. फिर लोगों की मदद से बच्ची को बिल से सुरक्षित बाहर निकाला गया.
स्थानीय लोगों के मुताबिक मूसा चूहा काफी बड़े साइज के होते हैं और संयुक्त रूप से बिल बनाकर रहते हैं. ये जंगल या पेड़ों के आस-पास बिल बनाते हैं. इन्हीं के बिल में मासूम को डाला गया था.
मामले की जानकारी पुलिस और एंबुलेंस को दी गई. मौके पर पहुंची 108 संजीवनी एक्सप्रेस से बच्ची को फौरन गांव के अस्पताल लाया गया. फिर उसे बेहतर इलाज के लिए डिमरापाल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. डॉक्टरों की मानें तो बच्ची की स्थिति खतरे से बाहर है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.