लंबे समय से टैक्स नहीं पटाने वालों के खिलाफ निगम प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. लगातार नोटिस के बाद भी जिन लोगों ने टैक्स नहीं पटाया है, उनके खिलाफ कुर्की वारंट जारी कर दिया गया है. वहीं टैक्स वसूली के लिए निगम ने 14 दुकानों को सील कर दिया. जिन लोगों ने मार्च तक टैक्स पटाने का लिखित आश्वासन दिया, उन्हें मौका दे दिया गया.
निगम प्रशासन ने बताया कि राजस्व वसूली टीम निगम क्षेत्र के भवन स्वामी द्वारा संपत्तिकर नहीं पटाए जाने के कारण दुकान में वसूली के लिए पहुंची, तो कुछ बकायादारों ने तत्काल राशि जमा कर राहत की मांग की. आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव ने मार्च में राशि पटाए जाने का वचन पत्र लेकर राशि जमा लेने के निर्देश दिए हैं.
जोन एक स्मृति नगर के श्यामा चरण पांडे की बकाया राशि संपत्तिकर तीन लाख 75 हजार रुपये जमा नहीं करने पर 8 दुकानों को सील कर दिया गया है. जोन दो क्षेत्र के भवन स्वामी उत्तम कुमार लोधी की 5 दुकानों व भगवंतिन बाई की एक दुकान को सील बंद किया गया. राजस्व अमले ने कार्रवाई के दौरान आठ लाख रुपये से अधिक की राशि वसूल की.
बता दें कि सुपेला के आकाशदीप कांपलेक्स में सील की गई 17 दुकानों में से 5 दुकानदारों ने संपत्ति कर की राशि 3 लाख 64 हजार रुपये निगम कोष में जमा की गई और दुकान का ताला खुलवाया. कुर्की कार्रवाई में जोन आयुक्त खिरोद्र भाई, यशा लहरे, सहायक राजस्व अधिकारी JP तिवारी, धीरज साहू जोन राजस्व विभाग के कर्मचारी पुलिस प्रशासन तथा तोड़फोड़ दस्ता के अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे.
रिसाली के ऐसे आठ लोगों को अंतिम नोटिस जारी किया है, जो टैक्स जमा करने में रुचि ही नहीं दिखा रहे हैं। बकायादारों से 41 लाख 88 हजार 122 रुपये वसूली करना है। निगम प्रशासन का कहना है कि तीन दिन के भीतर राशि जमा नहीं करने पर कुर्की आदेश जारी किया जाएगा।
रिसाली निगम आयुक्त आशीष देवांगन ने राजस्व विभाग को टैक्स जमा में लापरवाही करने वालों से सख्ती से पेस आने के लिए कहा है. इसी आदेश के बाद निगम के अधिकारी शुक्रवार को पॉश कॉलोनी में रहने वाले 8 लोगों को नोटिस जारी कर राशि जमा करने के लिए अंतिम मोहलत दी है. राजस्व विभाग प्रभारी संजय वर्मा ने बताया कि बकाएदार पिछले कई साल से टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं.
भिलाई नगर निगम आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव ने कहा, भिलाई निगम क्षेत्र के भवन मालिकों से अपील की गई है कि अपना संपत्तिकर, जल कर, भूभाटक, दुकान किराया आदि राशि का भुगतान कर विरुद्ध होने वाली विधि सम्मत कार्रवाई से बचें.