बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र चिंताकोंटा के गर्ल्स पोटा केबिन में भीषण आग लग गई है. ग्रामीणों की मदद से स्टाफ सहित 300 बच्चियों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया है. वहीं 4 साल की छात्रा लिप्सा उईके लापता है. मौके से एक बच्ची के जले हुए अवशेष मिले हैं. अभी उसकी पहचान नहीं हो पाई है. माना जा रहा है ये उसी का शव है. आग से पूरा कैंपस जलकर खाक हो गया है.
पोटा केबिन के स्टाफ समेत स्थानीय ग्रामीण अपने स्तर पर आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं. मामला आवापल्ली थाना क्षेत्र का है. फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है.
बताया जा रहा है लापता लिप्सा तीन-चार दिन पहले तीम्मापुर से पोटा केबिन अपनी बहन के साथ आई थी और तब से वो यहां रूकी हुई थी. घटना के दौरान वह सोई हुई थी. देर रात आगजनी की सूचना मिलने के बाद लोगों की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है.
बीजापुर जिले में इस समय 30 जगह पर पोटा केबिन स्थित हैं. इनमें कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों की शिक्षा संचालित हो रही हैं.
कुछ साल पहले राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत बस्तर के आदिवासी इलाकों में पोटा केबिन की स्थापना की गई थी. इस पोटा केबिन की क्षमता करीब 500 सीटर की होती है. यहां आदिवासी बच्चों को मुफ्त में पढ़ाई, आवासीय सुविधा दी जाती है. अलग-अलग इलाकों में गर्ल्स और ब्वॉयस पोटा केबिन हैं.