बिलासपुर में हवाई सुविधा के विस्तार की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के सीनियर जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधा किशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने अलायंस कंपनी और राज्य सरकार के जवाब पर जमकर नाराजगी जताई.
डिवीजन बेंच ने कहा कि बिलासपुर से दिल्ली, हैदराबाद और कोलकाता जैसे महानगरों के लिए अलायंस एयर कंपनी और राज्य शासन ठोस प्रपोजल बनाकर पेश करें. केस की अगली सुनवाई अब 8 फरवरी को होगी.
बिलासपुर से बड़े शहरों के लिए हवाई सेवाओं के विस्तार और एयरपोर्ट पर सुविधा मुहैया कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दो अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गई है. सोमवार को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में केस की सुनवाई हुई. इस दौरान अलांयस एयर की ओर से कोई जवाब पेश नहीं किया गया.
वहीं, राज्य सरकार की तरफ से भी शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया. इस दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कहा कि बिलासपुर से दिल्ली उड़ान को बंद करने की साजिश रची जा रही है, जबकि बिलासपुर से सीधी दिल्ली उड़ान में लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ रही है.
अलायंस एयर की ओर से पूरी कार्ययोजना पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर डिवीजन बेंच ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि आवश्यक सेवाओं के लिए जवाब और कार्ययोजना पेश करने में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अलायंस एयर की ओर से हमेशा VGF सब्सिडी अधिक मांगी जाती है, जबकि उड़ान योजना के तहत पहले ही अधिकतम छूट एयर कंपनी को दी जा रही है. स्पष्ट है कि अलायंस एयर कंपनी उड़ान सेवाओं को जारी रखना ही नहीं चाहती है.
याचिकाकर्ता के एडवोकेट की ओर से कहा गया कि इससे पहले भी अलायंस एयर ने बिना किसी कारण के बिलासपुर से भोपाल और बिलासपुर से इंदौर की फ्लाइट बंद कर दी. इसके बारे में भी एयर कंपनी की ओर से हाईकोर्ट में कोई जवाब पेश नहीं किया जा रहा है. इससे लगातार यात्री सुविधाओं में कटौती हो रही है, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
बता दें कि बिलासपुर एयरपोर्ट से फ्लाइट शुरू हुए 29 फरवरी 2024 को 3 साल पूरे हो जाएंगे. इस बीच हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी को सुविधाओं और हवाई सेवा के विस्तार सहित कई आदेश दिए गए.
इसके बावजूद अभी बिलासपुर से जबलपुर और प्रयागराज के लिए उड़ान योजना के तहत फ्लाइट चल रही है. जबकि महानगरों के लिए सीधी उड़ान शुरू नहीं की जा रही है. इस मामले को अति आवश्यक मानते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई दो दिन के बाद यानी 8 फरवरी को रखी है.