जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान बिलासपुर से दिल्ली के बीच सीधी विमान सेवा को बंद करने के मामले में हाई कोर्ट ने अलायंस एयर कंपनी पर जमकर नाराजगी जाहिर की है. विमानन कंपनी की ओर से पैरवी करने के लिए उपस्थित अधिवक्ता को कोर्ट ने कहा कि कंपनी के MD या फिर वाइस प्रेसिडेंट दोनों में से जो भी उपलब्ध हों, शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करें. जवाब में इस बात की स्पष्ट जानकारी दें कि पर्याप्त संख्या में यात्री मिलने के बाद भी क्यों विमान सेवा बंद कर दी गई है. अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 17 जनवरी की तिथि तय कर दी है.
अधिवक्ता संदीप दुबे व कमल दुबे ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अलग-अलग जनहित याचिका दायर कर बिलासा एयरपोर्ट के विकास के साथ ही नाइट लैंडिंग की सुविधा की मांग की है. दोनों याचिकाओं पर हाई कोर्ट में एकसाथ सुनवाई हो रही है. मंगलवार को जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस दीपक तिवारी की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव व आशीष श्रीवास्तव ने पैरवी करते हुए डिवीजन बेंच को बताया कि अलायंस एयर कंपनी ने बिलासपुर से दिल्ली के बीच सीधी विमान सेवा की शुरुआत की थी. बिलासपुर से दिल्ली जाने वाले यात्रियों की संख्या भी पर्याप्त थी. विमानन कंपनी को यात्री मिलने के बाद भी कंपनी ने बिना किसी कारण और नोटिस के बिलासपुर से दिल्ली सीधी विमान सेवा को बंद कर दिया है. किन कारणों से विमान सेवा बंद किया गया है. पूछने पर कंपनी के अफसर स्पष्ट जानकारी भी नहीं दे रहे हैं. डिवीजन बेंच ने इस तरह की मनमानी को लेकर विमानन कंपनी पर नाराजगी जताई. कोर्ट ने जब विमानन कंपनी के अधिवक्ता से पूछा तब अधिवक्ता ने कहा कि इस तरह की जानकारी आज ही मिल रही है. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई और विमानन कंपनी से इस संबंध में पूछने का अनुरोध भी किया.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कहा कि रनवे विस्तार और नाइट लैंडिंग के कार्य के लिए रक्षा मंत्रालय से जमीन की आवश्यकता है. वर्तमान में तकरीबन 250 एकड़ जमीन की जरूरत है. राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए विधि अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने जवाब दिया है कि राज्य शासन द्वारा भेजे गए खसरा नंबर को मैच ना होने की जानकारी दी है. नए सिरे से नक्शा व खसरा नंबर भेजने कहा है. राज्य शासन के विधि अधिकारी ने बताया कि राज्य में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी. इसके कारण नए सिरे से नक्शा व खसरा नंबर नहीं भेजा गया है. डिवीजन बेंच ने कहा कि अब चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हो गई है. जल्द खसरा नंबर भेजकर जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया प्रारंभ कराई जाए.