बिलासपुर जिले में ट्रैफिक की झंझटों से राहत और एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसान पहुंच के लिए स्मार्ट सिटी ने GPS से लैस साइकिल ₹20 प्रति घंटे की दर पर उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. ‘रेंट ए साइकिल’ स्मार्ट सिटी की एक अहम योजना है.
ये योजना अभी भोपाल, मुंबई सहित देश के कई महानगरों में चल रही है. हालांकि राजधानी रायपुर में ‘रेंट ए साइकिल’ योजना फेल हो चुकी है. बिलासपुर में इसे सफल करने दिल्ली की फर्म शिव शक्ति को ₹68 लाख का ठेका दिया गया है. इसे साल 2023 में ही शुरू होना था, लेकिन स्थान चयन के चलते देर हुई. स्मार्ट सिटी मिशन के मैनेजर सुरेश बरुआ का दावा है कि आम लोगों को स्मार्ट साइकिलों की सुविधा हफ्ते भर के अंदर उपलब्ध कराई जाएगी.
रेंट पर साइकिल के लिए गूगल स्टोर से एप डाउनलोड किया जा सकता है. राइड का मजा लेने साइकिल सवारों को पार्किंग और ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा. स्मार्ट साइकिल को अनलॉक करने के लिए क्यू आर कोड को स्कैन करना होगा, जो साइकिल पर लगा हुआ है.
राइड खत्म करने के लिए पास के स्टेशन पर पहुंचकर अपने एप पर जाकर ट्रिप को खत्म करना होगा. स्टेशन पर पहुंचकर साइकिल को लॉक कर अगले स्टेशन पर छोड़ दें और कस्टमर केयर 91 9727247247 पर कॉल करें.
*उपयोगकर्ता शुल्क*
समय (मिनट) सदस्य गैर सदस्य
पहले 30 मिनट ₹0 ₹10
60 मिनट ₹10 ₹20
90 मिनट ₹20 ₹40
120 मिनट ₹30 ₹60
अतिरिक्त 30 मिनट ₹15 ₹30
*सदस्यता शुल्क*
एक वर्ष का पास ₹999
3 महीने का पास ₹299
एक महीने का पास ₹149
स्मार्ट सिटी के मैनेजर के मुताबिक, रेलवे स्टेशन को छोड़कर शहर के 4 स्थानों पर साइकिल स्टैंड बनाए जा चुके हैं, जहां से किराए पर साइकिलें उपलब्ध कराई जाएंगी. योजना का संचालन और रखरखाव शिव शक्ति कंपनी करेगी.
स्मार्ट सिटी ‘रेंट ए साइकिल’ योजना के पीछे आम जनता को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. विदेशों में रेंट ए साइकिल अच्छे से चल रही है. लोगों में भी इसके प्रति दिलचस्पी है. बिलासपुर जैसे मंझोले दर्जे के शहर में भी यह बेहतर ढंग से चल सकती है, क्योंकि संकरे मुख्य मार्ग पर बेतरतीब ट्रैफिक से लोग परेशान हैं. उन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर जाने में दिक्कत होती है.
सिटी बस या ऑटो में भी वक्त के साथ अधिक पैसे खर्च होते हैं. ऐसी स्थिति में साइकिल ऐसा साधन है, जिसके जरिए गलियों और बाईपास से होते हुए जल्दी गंतव्य तक पहुंचा जा सकता है. शर्त यह है कि जनता के उपयोग की साइकिल योजना को सफल करने के लिए अफसर रुचि लेकर काम करें. अन्यथा लाखों खर्च करने के बाद भी योजना का हश्र वही होगा, जैसा रायपुर और भोपाल में हुआ. भोपाल में 600 साइकिलें खरीदी गई थीं.
रायपुर में 3 साल पहले आजाद चौक से रविशंकर विश्वविद्यालय रोड पर योजना की शुरुआत की गई. 300 साइकिलों को किराए पर उपलब्ध कराने ₹2 करोड़ खर्च किए गए. जिस कंपनी को काम दिया गया, उसके ट्रायल के दौरान ही योजना को बेहतर प्रतिसाद नहीं मिला, तो उसने काम बंद कर दिया.
स्मार्ट साइकिलें वर्तमान में शहर के 4 स्थानों पर उपलब्ध होंगी. इनमें नेहरू चौक, पुराना बस स्टैंड हनुमान मंदिर के पास, गांधी चौक और रिवर व्यू रोड शामिल है. रेलवे स्टेशन पर स्टैंड के लिए रेल प्रशासन से चर्चा चल रही है. स्थान के चयन के बाद शहर से लोग स्टेशन आने जाने के लिए भी स्मार्ट साइकिल किराए पर ले सकेंगे.