सेल की इकाई भिलाई स्टील प्लांट (BSP) ने अंदर जाने के लिए गेट पास की जगह बायोमेट्रिक और RFID सिस्टम लागू करेगा. इसके शुरू होने के बाद BSP के अंदर वहीं लोग जा सकेंगे, जिसको प्रबंधन ने अनुमति दी होगी. ये निर्णय प्लांट के अंदर चोरी रोकने के लिए किया गया है.
BSP के मुताबिक, अलग-अलग शिफ्ट में 50 हजार से अधिक नियमित और ठेका कर्मचारी काम पर आते-जाते हैं. इन सभी की चेकिंग और सुरक्षा की जिम्मेदारी CSIF को दी गई है. CISF के जवान केवल उन्हीं लोगों को अंदर जाने देते थे, जिनके पास BSP का गेट पास होता था.
लोहा चोरों ने BSP का होलोग्राम कॉपी करके फर्जी गेट पास बना लिया. इसके जरिए वो लोग प्लांट के अंदर जाते और लोहा चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे. प्लांट के अंदर से चोरी बढ़ने पर CSIF ने गेट पास की बारीकी से जांच की उन्हें कई फर्जी गेट पास मिले. इन सभी गेट पास को नकली होलोग्राम के जरिए तैयार किया गया था.
बायोमेट्रिक और RFID को लागू करने की योजना काफी लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी हुई थी. बढ़ती चोरियों को रोकने के लिए BSP ने इसे जल्द से जल्द लागू करने पर सहमति दी है. शनिवार को इस्पात भवन में BSP के यूनियन नेताओं के साथ BSP के CGM पर्सनल संदीप माथुर की बैठक हुई थी.
बैठक में BSP की सुरक्षा को लेकर चर्चा की गई. इस पर उन्होंने बताया कि BSP का होलोग्राम किसी ने कॉपी कर लिया है. उसके जरिए बनने फर्जी गेट पास पकड़े गए हैं. इसी को देखते हुए BSP जल्द ही लोगों के लिए बायोमेट्रिक और वाहनों की जांच के लिए RFID (Radio-frequency identification) सिस्टम लागू करने वाली है.
हर गेट पर बायोमेट्रिक और RFID सिस्टम लगेगा. इसके लिए BSP प्रबंधन के पास वहां काम करने वाले हर एक व्यक्ति का बायोडाटा होगा. उसे वो कंप्यूटर में स्टोर करेगा. इसी तरह प्लांट के अंदर आने वाली हर एक गाड़ी का रिकार्ड भी रखा जाएगा. RFID मशीन हर आने जाने वाले वाहन को स्कैन करेगी और उसके गाड़ी नंबर और चेचिस नंबर के जरिए उसका सही लोकेशन बता पाएगी.