छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अरुण साव ने कांग्रेस पर हिंदुओं को परेशान करने का आरोप लगाया है. दरअसल, बेमेतरा जिले के बिरनपुर में हुई हिंसा मामले में 11 में से 8 आरोपियों को अदालत ने शनिवार को दोषमुक्त करार दिया है. इसी मामले पर चर्चा करते हुए अरुण साव ने कई दावे किए. दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वो अदालत के आदेश का सम्मान करते हैं.
इस मुद्दे पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि इस फैसले ने ये बता दिया कि प्रदेश सरकार हिन्दू समाज के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की कोशिश में है. कोर्ट ने मामले की जांच कर रहे अफसरों से भी जवाब मांगा है. अदालत ने 8 आरोपियों को दोषमुक्त कर पूरी जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं.
साव ने दावा किया है कि कोर्ट ने तत्कालीन SL कल्याण एलेसेला, ASP पंकज पटेल और जांच अधिकारी भानु प्रताप पटेल पर घोर अनदेखी और लापरवाही के लिए जांच की अनुशंसा भी की है. दरअसल, इसी साल 8 अप्रैल को बिरनपुर में भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई थी. 10 अप्रैल को अरुण साव मृतक के परिजन से मिलने जा रहे थे लेकिन उन्हें पुलिस ने रोक लिया था.
साव का कहना है कि उन्हें पुलिस ने 6 घंटे हिरासत में रखा था. साव का दावा है कि मृतक भुनेश्वर के परिजन ने 40-41 आरोपियों का नाम दिया था, उनमें से सिर्फ 11 लोगों की गिरफ्तारी हुई. बाकी आरोपियों को आज तक नहीं पकड़ा जा सका है.
अरुण साव ने कहा कि पुलिस गांव के कई लाेगों के घर पहुंची थी. ऐसा करके हिन्दू समाज में दहशत और दबाव का माहौल बनाने का काम किया गया. मात्र 6 महीने में कोर्ट ने बिरनपुर में हुई आगजनी की घटना में शासन की ओर से झूठे फंसाए गए बहुसंख्यक वर्ग के निर्दोष लोगों को बाइज्जत बरी किया. उन्होंने कहा कि इससे बीजेपी के कथन और आरोपों की पुष्टि हुई है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम कर रही है. चाहे वो कवर्धा की घटना हो, बिरनपुर की घटना हो, खुर्सीपार हो या नारायणपुर में धर्मांतरण का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ झूठा मामला बनाने का काम हो. लगातार ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिससे साफ होता है कि सरकार हिन्दू समाज के प्रति दुर्भावना का परिचय दे रही है.
रविवार शाम दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिरनपुर हिंसा मामले में आए कोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि पुलिस ने जांच की जो तथ्य सामने आए साक्ष्य मिले और उसके आधार पर कोर्ट ने फैसला किया. हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा- बिरनपुर मामले में भारतीय जनता पार्टी का चरित्र पहले दिन से ही सांप्रदायिक रहा है, गिद्ध वाला चरित्र रहा है. जब घटना हुई तो भी बीजेपी ने लाश पर राजनीति करने की कोशिश की थी और अब अदालत के फैसले के बाद भी वही कोशिश है.
शुक्ला ने कहा- बीजेपी सांप्रदायिकता का जहर खोलने का प्रयास कर रही है. बिरनपुर मामले में पुलिस ने उस समय के जो हालात थे उसके हिसाब से कार्रवाई की थी. अदालत के फैसले का सम्मान है, लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष इस मामले को लेकर जो बयान दे रहे हैं बेहद की आपत्तिजनक है और छत्तीसगढ़ की फिजा को खराब करने वाला है.
खबर है कि दो गुटों के विवाद में मारे गए 23 साल के भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को बीजेपी साजा विधानसभा से टिकट दे सकती है. दरअसल, 1 अक्टूबर को दिल्ली में हुई बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद ईश्वर साहू का नाम तय किए जाने की चर्चा है.
पार्टी के लोगों ने भी उनसे चुनाव की तैयारी करने को कह दिया है. जब इसकी खबर ईश्वर साहू को लगी तो उन्होंने कहा कि मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि इतनी बड़ी पार्टी मुझे कार्यभार सौंप रही है.