शनिवार को भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सरकार पर प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों को लेकर गंभीर आरोप लगाए. प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता और भाजपा मीडिया विभाग के प्रमुख अमित चिमनानी ने कुछ आंकड़े भी पेश किए.
भाजपा नेताओं ने कहा कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को गड्ढागढ़ बना दिया है. सड़कों की हालत क्या है? ये किसी से छिपी नहीं है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिसंबर 2022 तक छत्तीसगढ़ की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे, लेकिन आज 8 महीने से ऊपर हो गए हैं, क्या छत्तीसगढ़ की सड़कें गड्ढा मुक्त हुई? ये सबसे बड़ा सवाल है.
1 अगस्त को मुख्यमंत्री ने फिर लोक निर्माण विभाग की बैठक कर बरसात के बाद सड़कों को ठीक करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री केवल निर्देश देते है, काम कुछ होता नहीं.
सिर्फ कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए सड़कों को ठीक किया जाता है. सड़कों को गुलाब की पंखुड़ियों से सजाया जाता है, क्योंकि गांधी परिवार को कही सड़कों में हिचकोले न लग जाये. लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता आये दिन सड़कों में हिचकोले खाये उससे कांग्रेस को कोई मतलब नहीं है. ये दिखता है छत्तीसगढ़ की जनता के प्रति सरकार कितनी गंभीर है.
कांग्रेस नेताओं ने जनता के हित का पैसा अपने राजनैतिक एवं व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए उपयोग कर छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों को बेहतर सड़क से वंचित रखा है. इसका जीता जागता उदाहरण है कि कैबिनेट मंत्रियों के घर तक पहुंचने वाली सड़कें चकाचक है, लेकिन आम जन तक पहुँचने वाली सड़कें गड्डा और सिर्फ गड्डा है.
छत्तीसगढ़ की सीमेंट और कॉन्क्रीट से बनी 93 प्रतिशत सड़कें अमानक हैं. 7401 सड़कों के सैंपल में से 6852 सैंपल फेल हो गए.
पिछले 6 महीने में ही प्रदेशभर में सड़क हादसों में 3219 मौते हुई है. ये दुर्घटनाएं नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार की लापरवाही से हो रही मौते है.
9 रायपुर में हर महीने औसतन 47 लोग खराब सड़क के कारण हादसों में अपनी जान गँवा रहे है.
गौरतलब है की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले वर्ष ही लगभग 10 हजार करोड़ केवल सड़को के लिए दिए थे, पिछले दौरे में PM मोदी ने भी अलग अलग विकास कार्यों के लिए 7600 करोड़ की राशि दी. केवल 4 वर्षो में मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ को 2 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि दी है लेकिन जनता के पास कुछ नहीं पहुंच रहा.