छत्तीसगढ़ में बीजेपी के कुछ नेताओं की सिक्योरिटी कम कर दी गई है. जिसके बाद से अब प्रदेश में सियासी बवाल मचा हुआ है. शुक्रवार को सुरक्षा के मसले पर भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की. शिकायत पत्र राजभवन में देकर भाजपा नेताओं कहा कि जानबूझकर साजिश के तहत उनके साथ ऐसा किया जा रहा है.
राज्यपाल से मिलने पहुंचे भाजपा के पूर्व विधायकों ने वापस सुरक्षा बहाल करने की मांग भी की गई है. अब इस मामले में प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री TS सिंहदेव ने कहा कि यदि इन नेताओं को कुछ होता है तो जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. राजभवन जाने वाले नेताओं में भाजपा के पूर्व विधायक भोजराज नाग भी थे. उन्होंने कहा, पहले उनकी सुरक्षा Z कैटेगरी की थी. अब इसे Y कैटेगरी का कर दिया गया है. 3 सुरक्षाकर्मियों को हटाए जाने का आदेश भी जारी हो चुका है. इसी तरह सुभाऊ कश्यप, लच्छू कश्यप, बबलू कश्यप, पिंकी शिवराज शाह और श्रवण मरकाम जैसे नेता भी राजभवन पहुंचे थे.
राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में पूर्व विधायकों ने कहा कि एक ओर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भाजपा के नेताओं, जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हो रही है. वहीं प्रदेश सरकार उनकी सुरक्षा कम करने का षड्यंत्र रच रही है. कांग्रेस सरकार ने 16 जून, 2023 को एक पत्र जारी करते हुए पूर्व विधायकों की सुरक्षा कम करने का निर्देश दिया है. सरकार ने इस निर्देश को लेकर 22 मई, 2023 को प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की बैठक के बाद की गई अनुशंसा को आधार बनाया है.
पूर्व विधायकों ने राज्यपाल को बताया है कि अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2023 तक छत्तीसगढ़ में माओवादियों के द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में कुल 33 जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक रूप से सक्रिय लोगों की हत्या की गई है. पिछले 6 महीने में भाजपा के चार कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हुई है. ऐसे में पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कमी करना मानवीयता की दृष्टि से भी अनुचित है.
इस पूरे मामले पर डिप्टी CM सिंहदेव ने कहा है कि, मुझे नहीं लगता कि सिर्फ भाजपा के लोगों की सुरक्षा को लेकर ऐसा हुआ होगा. कल के दिन अगर इनके साथ कोई घटना हुई तो सीधे-सीधे जवाबदार राज्य सरकार होगी. इसमें राज्य सरकार ने छुपाया नहीं उन्होंने कहा कि हमको यह जानकारी है इनके साथ कुछ भी नहीं होगा वह तो सुपर प्रोटेक्टेड हो गए.