भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने शनिवार को बिलासपुर संभाग के 25 विधानसभा क्षेत्र के पदाधिकारी और नेताओं की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने विधानसभावार सीटों पर मंथन किया और हार-जीत के कारणों की समीक्षा की. इसमें जातीय समीकरण से लेकर हर पहलुओं पर गहन चर्चा की. बैठक में कमजोर सीटों पर उनका ज्यादा फोकस रहा. इस दौरान उन्होंने संगठन के सभी पदाधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों को जीत दिलाने के संकल्पित होकर काम करने की नसीहत दी. खास बात यह है कि इस बैठक में दावेदारों को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं की गई.
करबला स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित बैठक में संभाग के 25 विधानसभा क्षेत्र के विस्तारकों के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों को ही बुलाया गया था. बैठक की औपचारिक शुरुआत करने के बाद राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने विधानसभावार एक-एक सीट पर चर्चा की और पदाधिकारियों से जानकारी ली. इस दौरान उनका फोकस हारी हुई सीटों पर रहा. पदाधिकारियों और विस्तारकों से चर्चा के बाद उन्होंने सीधे सवाल किया कि विधानसभा प्रभारी कितने बार अपने क्षेत्रों का दौरा करते हैं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते हैं. उनका सीधा कहना था कि जब तक आप क्षेत्र में नहीं जाएंगे, तब तक वहां की स्थिति का आंकलन कैसे कर सकेंगे.
समीक्षा बैठक में महामंत्री संतोष ने कोटा विधानसभा के साथ ही मरवाही, तानाखार जैसे सीटों पर सवाल किया. उन्होंने कहा कि ऐसी क्या वजह है कि हम कोटा विधानसभा सीट को आज तक नहीं जीत पाए हैं. उन्होंने पदाधिकारियों के साथ ही विधानसभा प्रभारी से इसकी जानकारी ली. साथ ही कहा कि जिन सीटों पर हम कमजोर हैं, वहां हमको ज्यादा ध्यान देना है. वहां जातिगत समीकरणों के साथ ही आम जनता के बीच पहुंचकर सरकार की नीतियों के साथ ही कांग्रेस की विफलता को गिनाएं, तभी हम मजबूत हो सकते हैं.
समीक्षा बैठक में बताया गया कि बिलासपुर विधानसभा शहरी है फिर भी हम चुनाव कैसे हार गए. जबकि, शहरी इलाकों में हमारा संगठन मजबूत है. इस दौरान महामंत्री को बताया गया कि हार की वजह सीवरेज परियोजना रही. इसके साथ-साथ ब्राह्मण वोटर्स एकजुट हो गए थे, जिसका खामियाजा अमर अग्रवाल और पार्टी को भुगतना पड़ा लेकिन, इस बार यह परिस्थिति नहीं रहेगी.
विधानसभावार चर्चा करते हुए कोरबा प्रभारी वी रामाराव से भी सवाल किया गया कि 2008, 2013 और 2018 में कैसे हार गए. इसके बाद से अब तक क्या-क्या किया गया. वहां प्रत्याशी घोषित हो गया है, तो अब क्या गतिविधियां चल रही है. तब उन्होंने कोरबा दौरा करने और प्रत्याशी की जीत का समीकरण बनाने की जानकारी दी.
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि विधानसभा क्षेत्रों में जातिगत समीकरणों पर विशेष ध्यान दिया जाए. सामाजिक नेताओं की मदद के साथ लोगों तक पहुंचे. इसके साथ ही केंद्र सरकार के किसान नीति, जनहित के कार्यों के साथ ही कांग्रेस व राज्य सरकार की विफलता पर चर्चा करें. राष्ट्रीय महामंत्री ने हर पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने के लिए कहा.
बैठक के बाद राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने जोगी कांग्रेस से भाजपा में आए विधायक धरमजीत सिंह को बुलाया और उनके साथ कमरे में बैठकर अलग से चर्चा की. माना जा रहा है कि धरमजीत इस बार भाजपा से तखतपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, भाजपा उन्हें दूसरी सीट पर भी टिकट दे सकती है. उनके साथ किन मुद्दों को लेकर क्या बातचीत हुई, इसका पता नहीं चल सका है.
बिलासपुर व सरगुजा संभाग के अंतर्गत 38 सीटें हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में सरगुजा संभाग में भाजपा की स्थिति बेहद खराब रही. बिलासपुर संभाग में बिलासपुर और जांजगीर-चांपा में प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में स्थिति संतोषजनक रही. 27 सीटों पर कांग्रेस और सात सीटों पर भाजपा को संतोष करना पड़ा था. बीएल संतोष ने बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले 24 में से 14 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है. इसी के अनुसार पदाधिकारियों व विधायक के साथ अन्य जनप्रतिनिधियों को काम करने की नसीहत दी है.
संभागीय बैठक के बाद विधानसभा प्रभारियों की क्लास ली. उन्होंने विधानसभा की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों के साथ ही सामाजिक समीकरण को लेकर विस्तार से जानकारी मांगी. प्रवास को लेकर सवाल किया. उन्होंने पूछा कि वे अपने प्रभार वाले विधानसभा में प्रवास कर रहे हैं या नहीं. संगठनात्मक गतिविधियों की विस्तार से जानकारी मांगी. पोलिंग बूथ के अलावा शक्ति केंद्र के गठन और वहां कामकाज के संबंध में विस्तार से जानकारी मांगी और जरूरी निर्देश भी दिए.
महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने पदाधिकारियों से कहा कि इस बार सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों का चयन बहुत पहले हो जाएगा. जल्द ही उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की जाएगी. उम्मीदवारी की घोषणा के बाद प्रत्याशी के साथ सामंजस्य बैठाकर प्रचार प्रसार करने की नसीहत दी. नाराजगी दूर कर पार्टी के लिए काम करने और राज्य में सरकार बनाने की बात कही.
महामंत्री संगठन ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व प्रयोग पर भरोसा करते आया है. इन्हीं के तहत कुछ एक विधानसभा क्षेत्रों में नए उम्मीदवार भी सामने आ सकते हैं. इससे हमें न तो चौंकना है और न ही अचरज में पड़ना है. ऐसा कर विरोध करने के बजाय पार्टी के निर्णय को सहजता के साथ स्वीकार कर उम्मीदवार के साथ सामंजस्य बैठाकर काम करना है.
पदाधिकारियों में जोश भरते हुए राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि हर हाल में मौजूदा विधानसभा चुनाव में हमें जीत दर्ज करनी है. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर जोरदार तरीके से सत्ता में वापसी कर सकें. इसके लिए प्रत्येक बूथ को जीतना जरूरी है. बूथ जीतेंगे तो हमारी सरकार बनाने से कोई ताकत हमें रोक नहीं सकेगी. बूथ जीतन के साथ ही आपस में समन्वय और समझदारी भी जरूरी है. पूर्व स्पीकर और बिल्हा विधानसभा के विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल में समाज का कोई वर्ग, कोई तबका भूपेश सरकार से संतुष्ट नहीं है. यह सरकार कमीशन और करप्शन की सरकार है. इस सरकार के आने के बाद पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में नए किस्म की आपराधिक घटनाएं हो रही हैं. कांग्रेस की सरकार ने पिछले पौने पांच साल में पूरे छत्तीसगढ़ की सूरत बिगाड़ चुकी है. बैठक में प्रमुख रूप से क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य विष्णुदेव साय, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी, बिलासपुर संभाग प्रभारी किरण देव, सहप्रभारी अनुराग सिंहदेव, पुन्नूलाल मोहले, गोमती साय, डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी, रजनीश सिंह, धरमजीत सिंह, मोतीलाल साहू, रामदेव कुमावत, लखनलाल साहू सहित पदाधिकारी मौजूद रहे.