छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान में अनुसूचित जाति की 79 आरक्षित सीटों को जीतने के लिए BJP की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक एक अगस्त को रायपुर में होने जा रही है. 23 साल में पहली बार ऐसी बैठक छत्तीसगढ़ में आयोजित होने जा रही है. इसमें देश के 80 बड़े दिग्गज नेता शामिल होंगे. SC वोटर्स को दो तरीके से साधने की रणनीति बनाई जाएगी.
पहली केंद्र की चल रही अनुसूचित जाति की योजनाओं को कैसे घर-घर तक पहुंचाया जाए और उन्हें विश्वास दिलाया जाए कि भाजपा ही उनकी चिंता करती है. दूसरा कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अनुसूचित जाति की महिलाओं पर कथित अपराध बढ़े हैं, इसको बड़ा मुद्दा कैसे बनाया जाए.
इन दोनों बिंदुओं पर रणनीति बनाकर तीन महीने में भाजपा सभी SC सीटों पर काम करेगी. बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, राष्ट्रीय संगठक पी सतीश, राष्ट्रीय महामंत्री और मोर्चा प्रभारी सीपी रवि, अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह और 35 संगठन राज्यों के SC मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष आएंगे. बताया जा रहा है कि कई वरिष्ठ नेता 31 जुलाई को ही रायपुर आ जाएंगे. छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कण्डेय का कहना है कि हर तीन महीने में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होती है.
छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा को देखते हुए यहां बैठक की जा रही है. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान अनुसूचित जाति बाहुल्य राज्य हैं. राजस्थान में दलित महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा है. छत्तीसगढ़ में भी सरकार की निरंकुशता के कारण दलित युवाओं को नग्न होकर प्रदर्शन करना पड़ा. ऐसी कई घटनाएं हो रही है, जिन पर दोनों सरकारें कार्रवाई नहीं कर रही है. फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं. इन सभी को रणनीति बनाकर SC सीटों पर जाएंगे.
प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का कहना है कि इस बैठक का व्यापक असर छत्तीसगढ़ की आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा. इससे सभी SC की 10 सीटों पर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और हम सारी सीटों को जीतेंगे. बताया जा रहा है कि बैठक में लोकसभा और विधानसभा की आरक्षित सीटों को लेकर राज्य क्या कर रहे हैं और आगामी प्लान क्या है, इस पर भी चर्चा की जाएगी.
अनुसूचित जाति आरक्षित सीटों पर वोटर्स एक तरफा वोट करते हैं. छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में बसपा कमजोर हुई है. कांग्रेस के भी कोर SC वोटर्स को अपनी ओर खींचने के लिए भाजपा कई बड़े कदम उठाने वाली है. इस बैठक में यह भी तय किया जाएगा कि किस तरह बसपा और कांग्रेस के कोर वोटर्स को अपनी ओर खींचे और भाजपा के वोटर्स को दूसरी तरफ ना जानें दें. नए नेतृत्व पर भी चर्चा की जाएगी.
2013 में 10 SC आरक्षित सीटों में भाजपा ने 9 और कांग्रेस ने 1 सीट पर विजय हासिल की थी. 2018 के विधानसभा चुनाव में BJP के पास सिर्फ दो सीटें ही बची. बाकी कांग्रेस ने 7 और बसपा ने 1 सीट जीती. यही वजह है कि भाजपा का जोर एससी सीटों पर है.
अनुसूचित जाति की आरक्षित सीटें
- 34 राजस्थान
- 35 मध्यप्रदेश
- 10 छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में इन मुद्दों को भी उठाएगी भाजपा
- फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले
- गुरू घासीदास के गुरुद्वारा जय स्तंभ को तोड़ने का मामला
- आरक्षण को 16% करने का वादा पूरा न करना
- 7 जाति अनुसूचित जाति में शामिल होने के बाद भी उनकी समीक्षा न करना
- धार्मिक स्थल का संरक्षण नहीं किया जाना
- 2.5 करोड़ के सतनाम भवन और गुरुघासीदास जन्मस्थल का काम अब तक पूरा न होना
- रविदास शोध पीठ को कांग्रेस सरकार द्वारा बंद कर देना
बता दें कि कांग्रेस भी अनुसूचित जाति की सीटों को साधने के लिए लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन (एलडीएम) चला रही है. इसके तहत आरक्षित सीटों पर नए नेता तैयार किये जा रहे हैं. उदयपुर संकल्प शिविर में लिए गए इस निर्णय के बाद मिशन के राष्ट्रीय समन्वयक के राजू छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश को प्राथमिकता पर लेकर बैठकें कर रहे हैं. हर विधानसभा में एक एलडीएम समन्वयक रखा जा रहा है.