गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर में ‘द केरल स्टोरी’ की तर्ज पर मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन (MSF) द्वारा हिंदू विद्यार्थियों का ब्रेनवाश करने का ताजा मामला सामने आया है. क्लब और वाट्सएप ग्रुप के बहाने हिंदू छात्राओं को जोड़ा जा रहा है. इनमें केरल की छात्राएं भी शामिल हैं. मामला उजागर होने के बाद कुलपति प्रोफेसर आलोक चक्रवाल ने तत्काल जांच का आदेश दिया है.
केंद्रीय विश्वविद्यालय कोनी में उस वक्त हडकंप मच गया जब इंटरनेट मीडिया में मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन की ओर से छात्र-छात्राओं को जुड़ने की अपील की गई.
MSF को पॉलिटिकल पार्टी बताकर एक मलयाली फोरम भी बना दिया गया. इसमें बड़ी संख्या में केरल व अन्य राज्यों की छात्राओं को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जोड़ दिया गया. बायोटेक्नोलाजी, इंजीनियरिंग, बाटनी, केमेस्ट्री, फारेस्ट्री, फारेंससिक साइंस, फिजिक्स, जूलाजी, बीएड, इकोनामिक्स, इंग्लिश, लाइब्रेरी साइंस, राजनीति, फार्मेसी और सोशल वर्क के विद्यार्थियों का एक ऐसा समूह बनाया गया, जिसमें सिर्फ मलयाली छात्र-छात्राओं को टारगेट किया गया है.
हैरानी की बात यह कि केरल से आने वाली छात्राओं को यह भी नहीं पता कि उन्हें किसलिए जोड़ा गया है. इसकी खबर लगते ही विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया. कुलपति प्रो. चक्रवाल ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर मामले की जांच का आदेश दिया है. कमेटी 24 घंटे में अपनी रिपोर्ट देगी. एक-दो दिनों में निर्णय संभव है.
MSF इंस्टाग्राम पर आइडी बनाकर बाकायदा पोस्ट शेयर कर विद्यार्थियों को जुड़ने की अपील कर रहा है. कैंपस में कई मुस्लिम युवा सक्रिय हैं. खबर है कि इसमें कुछ पूर्व छात्र और शिक्षक भी सहयोग कर रहे हैं. संगठन को लेकर कोई अधिकृत जानकारी देने भी सामने नहीं आ रहा है. कमेटी अब जांच में जुट गई है.
मीडिया ने मलयाली फोरम से जुड़ी एक सदस्य से चर्चा की तो छात्रा ने नाम नहीं छापने की प्रार्थना की. कहा, कि मैं केरल से हूं. मुझे MSF से काल आया और कहा गया कि तुम केरल से हो. यहां छत्तीसगढ़ में तुम्हें बात करने और अन्य चीजों में समस्या होगी. वे हरसंभव सहायता करेंगे और मैं जुड़ गई. मेरा मोबाइल नंबर कैसे वायरल हुआ मुझे कुछ नहीं पता. मैं किसी फोरम की सदस्य नहीं हूं. ग्रुप में बहुत सारी छात्राएं जुड़ी हैं. बता दें कि ऐसे ही फिल्म द केरल स्टोरी में भी छात्राओं का ब्रेनवॉश करने का हथकंडा अपनाया गया था.
कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल, ने बताया कि मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन को लेकर जैसे ही मुझे जानकारी हुई मैंने तत्काल जांच का आदेश दिया है. एक कमेटी भी बनाई है, जो विभिन्न पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट देगी. यह गंभीर मामला है. कोई भी संस्था विश्वविद्यालय का लोगो, क्लब निर्माण, कैंपस में जनसंपर्क की बिना अनुमति के नहीं कर सकता है.