विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के लिए इस साल करीब 1 करोड़ 10 लाख रुपए का बजट तैयार किया गया है. दशहरा में अलग-अलग विधान के लिए शराब, बकरा और मछली के लिए करीब 14 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. पिछले साल 75 लाख का बजट था. जिसमें 20 लाख रुपए अधिक खर्च हुए और 95 लाख रुपए में दशहरा पर्व मनाया गया था. साथ ही समिति के सदस्यों ने 2 नए उपाध्यक्ष भी मनोनीत किए हैं.
दरअसल, इस साल अधिकमास के चलते 75 दिनों का बस्तर दशहरा 107 दिनों तक मनाया जाएगा. 17 जुलाई को इसकी शुरुआत हो चुकी है. अब 27 सितंबर को डेढ़ी गड़ाई की रस्म अदा की जाएगी. जिसके बाद से लगातार एक के बाद एक विधान होंगे. बस्तर जिले के के कलेक्टर विजय दयाराम के ने कहा कि महंगाई के चलते हर साल पर्व मनाने खर्च में बढ़ोतरी हो रही है.
साल 2022 में बस्तर दशहरा के लिए 75 लाख रुपए का बजट तैयार किया गया था. लेकिन, सामानों की कीमतों में साल 2021 की तुलना में 2022 इजाफा हुआ था. जब कैलकुलेशन किया गया था तो उस समय 20 लाख रुपए अधिक खर्च हुए थे. इसलिए इस बार 1 करोड़ 10 लाख रुपए का बजट तैयार लिया गया है. राज्य शासन से पैसे मांगे गए हैं.
बस्तर दशहरा समिति ने साल 2023 के लिए 2 नए उपाध्यक्ष मनोनीत किए हैं. केरकोटी मांझी और मंगलू मांझी उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. जिन्हें सभी सदस्यों ने सहमति दी है. समिति के अध्यक्ष और बस्तर सांसद दीपक बैज ने कहा कि, चुनाव के चलते वे पर्व में शामिल न हो पाएं. इसलिए इस साल पर्व को धूम-धाम से मनाने की जिमेदारी उपाध्यक्ष की होगी.