धान खरीदी पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अब इस खरीफ वर्ष 2023-24 में 25 लाख टन अधिक चावल लेने का निर्णय लिया है. सेंट्रल पूल पर 86 लाख टन चावल लेने के लिए केंद्र सरकार ने सहमति दे दी है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने इस आशय का पत्र राज्य सरकार को भेजा है. अभी तक केंद्र सरकार प्रदेश से 61 लाख टन चावल सेंट्रल पूल पर ले रही थी. जानकारी के मुताबिक राज्य शासन ने इस वर्ष प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी करने का निर्णय लिया है. अभी तक प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी हो रही थी और अब 20 क्विंटल खरीदी के निर्णय के बाद छत्तीसगढ़ में धान उत्पादन बढ़ने के आसार है. इस बार 135 से 140 लाख टन धान का उत्पादन होने का अनुमान है.
अधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर इस बार अधिक धान की खरीदी होने से केंद्र सरकार से सेंट्रल पूल के तहत अधिक चावल लेने का आग्रह किया गया था. सेंट्रल पूल में चावल जमा करने के मामले में पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर है. अब यहां सेंट्रल पूल में अधिक चावल जमा होगा.
केंद्र सरकार FCI (फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया) के माध्यम से राज्य सरकार से चावल खरीदती है. केंद्र सरकार ने हर साल धान का लगभग 80% खरीदी करती है. 2021-22 में केंद्र सरकार ने लगभग 94 प्रतिशत खरीदी की है. केंद्र ने वर्ष 21-22 में 92 लाख टन धान से बना 61.65 लाख टन चावल खरीदा, जो 93.90% है. वर्ष 22-23 में 58.68 टन चावल खरीदा था.
राज्य में 24.98 लाख पंजीकृत किसानों के 32.19 लाख हेक्टेयर रकबा को देखते हुए पिछले वर्ष 110 लाख टन धान खरीदी का अनुमान था और 23 लाख 41 हजार 935 किसानों ने धान 2640 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर बेचा है. सरकार ने 107 लाख 51 हजार 858 टन धान की खरीदी कर नया रिकॉर्ड कायम कर बीते साल 98 लाख टन धान खरीदी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है. इस वर्ष राज्य सरकार ने प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी करने के साथ 125 लाख टन धान खरीदने का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है. प्रदेश में धान खरीदी के लिए मंत्री परिषद उप समिति की बैठक भी हो चुकी है.
छत्तीसगढ़ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने 86 लाख टन चावल लेने के लिए सहमति दी है. अभी तक प्रदेश से करीब 61 लाख टन चावल सेंट्रल पूल में लिया जा रहा था.