छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से चलाई जा रही चिरायु योजना अब उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिनके लिए अपने नवजात का इलाज करा पाना नामुमकिन था. छत्तीसगढ़ में इस योजना के अंतर्गत पिछले दो वर्षों में 1837 जन्मजात हृदय रोगी बच्चों को नई जिंदगी मिली. वहीं वर्तमान में 156 हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को इलाज का इंतजार है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार 156 हृदय रोगी बच्चों के हृदय का ऑपरेशन किया जाना है. स्क्रीनिंग के बाद लगातार इनका इलाज जारी है. कई ऐसे बच्चे हैं, जिनकी स्थिति वर्तमान में ऑपरेशन के लायक नहीं है. ऐसे में उनकी दवा चल रही है. वहीं कई बच्चों को आपरेशन की तिथि मिल चुकी है.
ऑपरेशन के लिए ऐसे पीड़ित बच्चे जिनकी राशि स्वीकृत नहीं हुई है, शासन स्तर पर उनकी समीक्षा भी की गई है. बता दें प्रदेश में चिरायु योजना के तहत जहां वर्ष 2021-22 में 525 हृदय रोगी बच्चों को निश्शुल्क ऑपरेशन के बाद नई जिदंगी मिली है. वर्ष 2022-23 में दो गुने से भी अधिक हृदय रोगी बच्चों को यानी कुल 1312 को निःशुल्क ऑपरेशन से नया जीवन मिला.
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम व चिरायु योजना में शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों में जन्मजात हृदय रोग, मोतियाबिंद, कटेफटे होट, टेढेमेढे हाथ-पैर समेत 44 की गंभीर बीमारियाें के इलाज का पूरा खर्च शासन द्वारा उठाया जाता है. इसमें स्वास्थ्य विभाग का चिरायु दल बच्चों बच्चों की स्क्रीनिंग कर शासन को रिपोर्ट भेजता है, जिसके आधार पर बच्चों के इलाज के लिए फंड जारी होता है. ऐसे बच्चे जिनका इलाज नि:शुल्क किया जाना है, स्वजन स्वास्थ्य विभाग से भी संपर्क कर सकते हैं.
चिरायु योजना राज्य नोडल अधिकारी डॉक्टर वीआर भगत ने कहा, जिन हृदय रोगी बच्चों का सर्जरी पेडिंग है. उनका या तो ऑपरेशन से पूर्व इलाज चल रहा है. या वह वर्तमान में ऑपरेशन की स्थिति में नहीं है. यदि फिर भी किसी तरह की समस्या आ रही है. तो हम उसका निराकरण करेंगे. चिरायु अंतर्गत आने वाले केस को रोका नहीं जाता है.
वर्ष – स्क्रीनिंग – इलाज – पेंडिंग केस
2021-22 – 525 – 525 – 10
2022-23 – 1468 – 1312 – 156