रायपुर में जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. हाईकोर्ट ने याचिका को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया है. इसके साथ ही पार्क के निर्माण पर लगी रोक हट गई है.
धरसींवा के पूर्व विधायक और कृषि उपज मंडी समिति रायपुर के पूर्व अध्यक्ष देवजीभाई पटेल ने अधिवक्ता किशोर श्रीवास्तव, हिमांशु सिन्हा, शशांक ठाकुर और एवी श्रीधर के जरिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसमें कृषि उपज मंडी रायपुर में सर्वसुविधायुक्त जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क की स्थापना के लिए आवंटित भूमि 11 जून 2020 के आदेश को नियमों के खिलाफ बताते हुए चुनौती दी गई थी.
याचिका में कहा गया था कि मंडी समिति की जमीन 1975 में किसानों ने खरीदी थी. उसका भूमि स्वामी हक कृषि उपज मंडी रायपुर को प्राप्त है. कृषि उपज मंडी अधिनियम के तहत समिति की जमीन सिर्फ मंडी के प्रयोजन के लिए ही उपयोग में लाई जा सकती है. किसी अन्य प्रयोजन में उपयोग नहीं हो सकती. याचिका में यह भी कहा गया कि 11 जून 2020 को एक ही दिन में राज्य शासन ने 5 से 6 एजेंसियों को निर्देशित करते हुए कृषि उपज मंडी अधिनियम के विपरीत पार्क के लिए भूमि आवंटित की है.
साल 2020 से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मामले की अंतिम सुनवाई तक किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी, तब से प्रकरण में स्थगन आदेश लागू रहा. मंगलवार को प्रकरण की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से महाधिवक्ता सतीशचंद वर्मा, विक्रम वर्मा और याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं की तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है. इस आदेश के साथ ही पूर्व में लगी रोक भी हट गई है और रायपुर के पांडातराई में जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क खोलने का रास्ता साफ हो गया है.