छत्तीसगढ़ में CGPSC 2021 की सलेक्शन लिस्ट में पक्षपात का मामला अब सियासी रूप ले चुका है. चयन सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए BJP जहां बड़े आंदोलन की तैयारी में है, वहीं इसके जवाब में कांग्रेस ने रमन सरकार के समय की सलेक्शन लिस्ट जारी कर मामले में ट्विस्ट ला दिया है.
रायपुर के राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने प्रदेश के उन 48 अधिकारियों की लिस्ट जारी की है, जो ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं के परिवार से ताल्लूक रखते हैं और जिनका सलेक्शन रमन सरकार के समय हुआ है. उन्होनें कहा कि 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहने के बाद भी रमन सिंह चयनित सूची पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. मामले में सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि पिछले 5 दिनों से प्रदेश के वातावरण को खराब करने की कोशिश विपक्षी दल भाजपा ने की है. जब से CGPSC 2021 के नतीजे आए हैं, BJP इसे लेकर राजनीति कर रही है जो दुर्भाग्यजनक है.
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सरकार के कार्यकाल में भी ब्यूरोक्रेट्स, नेताओं, व्यवसायी और अधिकारी के बच्चे चयनित हुए थे लेकिन इस पर कांग्रेस ने कभी सवाल खड़े नहीं किए. लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करने का काम BJP ने किया है. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी अपनी प्रतिभा के आधार पर इस मुकाम तक पहुंचे हैं. इस सूची में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का बेटा है, खुद आंगबाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले मां-बेटे का भी चयन जांजगीर चांपा में हुआ था. हम चयनित अभ्यर्थियों पर किसी प्रकार का सवाल खड़ा नहीं कर रहे हैं. सुमित अग्रवाल 2008 के बैच में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए हैं. समीर मिश्रा, हरसित मिश्रा, दोनों आबकारी विभाग में चयनित हुए थे. 2008 में देवचरण पटेल और दुर्गा चरण पटेल का चयन हुआ. शिवानी जायसवाल और दीपा जायसवाल दोनों का 2008 में चयन हुआ.
सुशील आनंद ने कहा, पुष्पेंद्र नायक 2011, रूपा सिंह 2012, मनीष साहू और कल्पना साहू दोनों भाई बहन का चयन PSC में हुआ था. किसी नेता का रिश्तेदार होना, अधिकार का रिश्तेदार होने से किसी की योग्यता को नकारा नहीं जा सकता. BJP दिवालिएपन की स्थिति से जूझ रही है इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है. लोक सेवा आयोग को बदनाम करने की साजिश है. बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़ा ना करें. रमन सिंह अपनी राजनीति करने के लिए बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करें.
रमन सिंह के पिछले 1.5 दशक के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल भ्रष्टाचार और अनियमितता का अड्डा बन चुका था. प्रदेश की जनता अभी भूली नहीं है PMT परीक्षा के प्रश्न पत्र रमन राज में 2011 में बाजारों में बिके थे. भाजपा का नेता मुंगेली में PMT परीक्षा में सामूहिक नकल करवाते पकड़ाया था. देश के किसी भी व्यवसायिक परीक्षा मंडल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक ही परीक्षा को एक साल में चार बार आयोजित कराने की नौबत आई हो.