छत्तीसगढ़ में विधानसभा 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर छत्तीसगढ़ भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को साधने में जुटी हुई है. छत्तीसगढ़ में ”मोदी मित्र” अभियान चलाया जा रहा है. 30 दिन के भीतर 3200 मुस्लिमों ने स्वयं को ”मोदी मित्र” घोषित किया है. इसमें ज्यादातर युवा, महिलाएं और सेवानिवृत्त कर्मचारी शामिल हैं. मुस्लिम महिलाएं जहां मोदी सरकार की ओर से लाए गए तीन तलाक कानून से प्रभावित हैं. वहीं पुरुष सबका साथ सबका विकास संकल्प से प्रेरित होकर जुड़ रहे हैं. जबकि युवाओं का कहना है कि वह मोदी सरकार की रोजगारन्मुखी योजनाओं से मोदी के प्रति आकर्षित हुए हैं.
छत्तीसगढ़ की कुल 11 लोकसभा सीटों में फिलहाल पांच रायपुर, राजनांदगांव, सरगुजा, बिलासपुर और बस्तर में यह मुहिम चल रही है. इन सीटों में रायपुर में 1.70 लाख, बिलासपुर में 1.10 लाख, सरगुजा में 1.01 लाख, बस्तर में 90 हजार और राजनांदगांव में 90 हजार मुस्लिम हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा ने देश में मुस्लिम बाहुल्य 65 लोकसभा सीटों पर यह लक्ष्य दिया है. पिछले महीने रायपुर भाजपा के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा की बैठक में यह रणनीति बनी थी. छत्तीसगढ़ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश प्रभारी व मोदी मित्र अभियान के छत्तीसगढ़-ओडिशा-महाराष्ट्र के संयोजक डॉ. सलीम राज ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 50 हजार मुस्लिमों को ”मोदी मित्र” बनाने का लक्ष्य है, जबकि पूरे देश में 3.25 लाख ”मोदी मित्र” बनाए जाएंगे. छत्तीसगढ़ में कुल 2.55 करोड़ आबादी में पांच लाख मुस्लिम मतदाता (2.2%) हैं.
रायपुर के हाजी मोहम्मद हफीज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबका साथ और सबका विकास के संकल्प से काम करते हैं. सबको साथ लेकर चलने वाले हैं. उनका मित्र बनना हमारे लिए खुशकिस्मती है. भिलाई सेक्टर दो निवासी रेहानी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भाई ने हमको इंसाफ दिलाया. तीन तलाक कानून आने के बद महिलाओं को नरक की जिंदगी से बाहर किया. तीन तलाक से लाखों बहने मोदी की सलामती के लिए अल्लाह से दुआं करती हैं. मोदी को लंबी उम्र मिले. बिलासपुर के युवा रिजवान अहमद ने कहा कि केंद्र की मुद्रा योजना से उन्हें लोन मिला और वह आत्मनिर्भर बने हैं. ”मोदी मित्र” अभियान से ऐसे व्यक्ति जुड़ रहे हैं जो कि प्रधानमंत्री के नौ वर्ष के काम से संतुष्ट हैं.
डॉ. सलीम राज ने बताया कि इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए अगले महीने देशभर में स्नेह यात्रा निकाली जा सकती है. यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से बिहार होते हुए छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों से गुजरेगी. मुस्लिम वर्ग के ऐसे लोग जिनकी हालत दलितों से अधिक खराब है, उन्हें जोड़ा जाएगा.