प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमृत भारत स्टेशन योजना को लॉन्च किया. उन्होंने इस योजना के तहत 508 रेलवे स्टेशनों के रिडेवलपमेंट की आधारशिला रखी. रायपुर रेलवे स्टेशन से राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन, सांसद सुनील सोनी और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल इस कार्यक्रम से जुड़े.
कार्यक्रम शुरू होने से पहले राज्यपाल ने रायपुर के मंडल स्टेशन का जायजा लिया. इस दौरान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जीएम ने उन्हें रेलवे स्टेशन के संबंध में जानकारी दी. पुनर्विकासित किए जा रहे स्टेशनों में छत्तीसगढ़ के 7 स्टेशन शामिल हैं. जिनमें रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अकलतरा, भिलाई पावर हाउस, तिल्दा-नेवरा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में और महासमुंद ईस्ट कोस्ट रेलवे में शामिल हैं.
इन रेलवे स्टेशनों की सूरत अब बदलेगी. जिसमें शहर के दोनों किनारों के साथ स्टेशनों को ‘सिटी सेंटर’ के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है.
रायपुर रेलवे स्टेशन में हुए कार्यक्रम के दौरान इसके नए इन्फ्रास्ट्रक्चर का मॉडल भी रखा गया. स्टेशन के आर्किटेक्ट वशिष्ठ थारवानी ने बताया कि स्टेशनों के रिनोवेशन से जुड़े काम पूरा होने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी. अभी इन स्टेशनों पर सभी मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन इस योजना के बाद स्टेशनों में सुविधाओं का विस्तार हो जाएगा. बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग स्टेशन हाईटेक यात्री सुविधाओं के साथ टेक्नोलॉजी, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक केंद्र बनेंगे.
- स्टेशन बिल्डिंग के दोनों तरफ से शहर एंट्री हो सकेगी.
- लिफ्ट और एस्कलेटर लगाए जाएंगे.
- इक्विलेंट कार पार्किंग की सुविधा.
पूरी तरह ग्रीन बिल्डिंग. - टिकट स्कैन करने पर ही स्टेशन में एंट्री होगी.
- एंट्री और एग्जिट का रास्ता पूरी तरह अलग होगा.
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत ₹24,470 करोड़ से अधिक की लागत से स्टेशनों का रिनोवेशन और रिडेवलपमेंट किया जाएगा. स्टेशन भवन का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा भारत अपने अमृत काल के प्रारंभ में है. भारतीय रेल के इतिहास में भी एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है. भारत के करीब 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशन अब अमृत भारत रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित किए जाएंगे और उनका पुनर्विकास आधुनिकता के साथ होगा.
अकलतरा, तिल्दा-नेवरा, भिलाई पावर हाउस, गोंदिया, वडसा और चांदा फोर्ट स्टेशनों में मिलेंगी ये सुविधाएं
- जरूरत के मुताबिक अतिरिक्त फुटओवर ब्रिज बनाए जाएंगे.
- लिफ्ट और एस्कलेटर बनेंगे.
- सर्कुलटिंग एरिया का डेवलपमेंट होगा.
- वेटिंग हाल और टायलेट्स का हाईटेक होंगे.
- स्टेशन लाईटिंग में सुधार, साइनेज, ट्रेन और कोच इंडिकेटर बोर्ड्स की सुविधा बढ़ाई जाएगी.
- पार्किंग एरिया बढ़ाया जाएगा.
- प्लेटफॉर्म एरिया का भी होगा विस्तार, शेड से होगी कवरिंग.
- बाहर का लुक भी आकर्षक बनाया जाएगा.
ये 508 स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ में 7, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 55-55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्यप्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22 स्टेशन शामिल हैं. गुजरात और तेलंगाना में 21-21, झारखंड में 20, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में 18-18, हरियाणा में 15, कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं.
इसके अलावा स्टेशनों में यात्री सुविधाएं और सुरक्षा के इंतजाम भी बढ़ाए जाएंगे. जानकारी के मुताबिक जिस तरह एयरपोर्ट में एंट्री से पहले चेक इन और सुरक्षा जांच की जाती है. ठीक उसी तरह रेलवे स्टेशनों में भी सुरक्षा जांच की व्यवस्था आने वाले दिनों में की जाएगी.