BJP ने लोकसभा चुनाव- 2024 के लिए 195 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. पहली लिस्ट में ही छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर नाम का ऐलान हो गया है. 2 सांसदों को रिपीट किया गया है. वहीं मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर से लोकसभा चुनाव लड़ाया जा रहा है. 11 सीटों में 3 महिलाओं को BJP ने टिकट दिया है.
BJP की लिस्ट की खास बातें
- 2 मौजूदा सांसद विजय बघेल को दुर्ग और संतोष पांडेय को राजनांदगांव से फिर मौका.
- मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर लोकसभा से टिकट दिया गया
- 11 सीटों में से 3 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को उतारा गया.
- कोरबा से सरोज पांडेय, जांजगीर से कमलेश जांगड़े, महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी को टिकट.
- कांग्रेस से BJP में आए चिंतामणि महाराज को सरगुजा से टिकट.
- 2023 में 3 सांसदों के विधानसभा चुनाव लड़ने से बिलासपुर, सरगुजा, रायगढ़ सीट रिक्त है.
विधानसभा चुनाव में लगातार बृजमोहन अग्रवाल ने जीत दर्ज की है. 2018 में जब समूचे रायपुर की सीटें कांग्रेस के हाथ में आई तक शहर से इकलौते भाजपा विधायक बृजमोहन ही बने थे. अग्रवाल समाज का जातिगत समीकरण भी भाजपा नजरअंदाज नहीं कर सकती. संगठन और कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़ है. प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की. रायपुर संभाग के भौगोलिक समीकरण के हिसाब से बृजमोहन को जिम्मा दिया गया है.
राजनांदगांव से मधुसूदन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह भी दौड़ में थे, लेकिन पार्टी ने संतोष पांडे पर भरोसा जताया. चर्चा है कि पार्टी परिवारवाद के आरोप से बचना चाहती थी, इसलिए डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह को टिकट नहीं दी गई. वहीं, मधुसूदन यादव डॉ. रमन सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं. संतोष पांडेय को राजनांदगांव से टिकट देकर पार्टी ने एक संदेश देने का काम किया है कि पार्टी में संतुलन बना रहेगा.
2008 में भिलाई के वैशाली नगर सीट से विधानसभा से चुनाव लड़ा था. BJP ने 2009 में उन्हें महापौर रहते हुए विधायक और दुर्ग सीट से लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर खड़ा कर दिया. सांसद रहते ही पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया.
विजय बघेल मौजूदा सांसद हैं. 2008 में पहली बार विधायक बने. 2018 में सांसद बने. पूर्व CM भूपेश बघेल को वर्तमान विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी. जातिगत समीकरण भी विजय बघेल के पक्ष में है.
चिंतामणि महाराज को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था. वे भाजपा में आ गए. वे सरगुजा से भाजपा की टिकट चाहते थे, लेकिन उन्हें मना लिया गया. आखिरकार उन्हें लोकसभा में मौका दिया गया है. चिंतामणि महाराज को मानने वाले सरगुजा क्षेत्र में बड़ा वर्ग है.
तोखन साहू लोरमी से भाजपा के विधायक रह चुके हैं. इसी क्षेत्र से धर्मजीत सिंह भी जनता कांग्रेस के विधायक हुआ करते थे, जिन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली और तखतपुर से जीते. लोरमी से अरुण साव ने चुनाव लड़ा जिसके कारण तोखन साहू को मौका नहीं मिला. उन्हें लोकसभा से चुनाव लड़ाकर पार्टी ने तोहफा दिया है.
साल 2013 में लोरमी विधानसभा क्षेत्र से जीतकर विधायक बन चुके साहू इन दोनों BJP में सक्रिय युवा OBC चेहरा है. भारतीय जनता पार्टी ने संगठन में इन्हें किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष भी बना रखा है. इस वजह से इन्हें अब बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से बड़ी जिम्मेदारी देते हुए सांसद भेजने का मन भाजपा ने बनाया है.
मुंगेली जिले में जन्मे तोखन लाल साहू ने M.COM तक पढ़ाई की है साल 2013 में पहली बार विधानसभा में विधायक बने 14-15 में महिलाओं एवं बाल कल्याण संबंधी समिति के सदस्य रहे विधानसभा में सक्रिय समिति के सदस्य रहे 2015 में छत्तीसगढ़ शासन में संसदीय सचिव भी रहे.
धरमजयगढ़ विधानसभा से लंबे वक्त से विधानसभा चुनाव का टिकट मांग रहे राधेश्याम को वफादारी का फल मिला है. पिछले लोकसभा चुनाव में इन्हें धरमजयगढ़ विधानसभा का चुनाव संचालक भी बनाया गया था. इससे पहले राठिया पूर्व जनपद अध्यक्ष, जिला किसान मोर्चा के महामंत्री भी रह चुके हैं. रायगढ़ क्षेत्र से किसी नए चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी BJP पहले ही कर चुकी थी. राठिया समाज से ताल्लुक रखने वाले राधेश्याम पर इस लोकसभा चुनाव में दांव खेला गया है.
लोकसभा क्षेत्र जांजगीर से सक्ती विधानसभा की कमलेश जांगड़े को मैदान में लाया गया है. कमलेश जांगड़े BJP महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष के रूप में काम कर चुकी हैं. एक बार वे जिला पंचायत का चुनाव हार चुकी हैं.
रूपकुमारी चौधरी छत्तीसगढ़ विधानसभा की पूर्व सदस्य हैं. 2013 से 2018 तक बसना विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं. रूप कुमारी भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय नेता हैं और मई 2015 से दिसम्बर 2018 तक संसदीय सचिव रह चुकी हैं.
भोजराज नाग 1992 में अंतागढ़ के ग्राम हिमोड़ा के सरपंच निर्वाचित हुए थे. इसके बाद साल 2000 से 2005 तक जनपद पंचायत अंतागढ़ के अध्यक्ष रहे, 2009 से 14 तक जिला पंचायत सदस्य रहे. 2014 में हुए चर्चित अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव जीतकर विधायक बने. नाग को देवी आती है. बैगा सिरहा भी है.
महेश कश्यप जगदलपुर के पास के गांव कलचा के रहने वाले हैं. बेहद ही साधारण परिवार में जन्मे महेश कश्यप कृषक हैं और लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं, वर्तमान में विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हैं. माना जा रहा है कि RSS और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े रहने के कारण महेश कश्यप को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया है.
साधारण रहन-सहन में रहने वाले महेश कश्यप काफी मिलनसार हैं. उन्होंने अपनी शिक्षा आड़ावाल हाई स्कूल से पूरी की है.