छत्तीसगढ़ में युवती से दुष्कर्म मामले में पीड़िता, उसकी बेटी और आरोपी डॉक्टर का DNA टेस्ट किया जाएगा. पहले डॉक्टर ने ऐसा करने मना कर दिया था, लेकिन अब बिलासपुर हाईकोर्ट ने टेस्ट कराने का आदेश दिया है. यह घटना बस्तर संभाग के सुकमा जिले की है.
पीड़िता ने पुलिस से शिकायत में बताया कि उसकी मां इलाज कराने के लिए डॉक्टर सुखदेव सिंह गुरया के पास जाती थी. तब वह 13 साल की थी. साल 2005 में डॉक्टर ने पहले छेड़छाड़ किया. फिर मारपीट और धमकी देकर रेप किया.
युवती के अनुसार, 18 साल की होने पर साल 2010 में उसकी शादी मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में हुई थी. जब वह मायके आती थी, तब डॉक्टर उसे ब्लैकमेल और धमकी देकर शारीरिक संबंध बनाता था. साल 2011 में डॉक्टर से उसने पहली बेटी को जन्म दिया. फिर उसने अपने पति से दूसरी बेटी को जन्म दिया.
जब साल 2019 में अपने मायके आई थी, तब आरोपी डॉक्टर ने उसके साथ फिर संबंध बनाया. उसके मना करने पर मारपीट कर धमकी भी दी. जिससे परेशान युवती ने किसी तरह हिम्मत जुटाई और उसके खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया.
उसने बताया कि आरोपी डॉक्टर 14 साल से उसका शारीरिक शोषण कर रहा है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और मामला ट्रायल पर है. लेकिन, कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी डॉक्टर ने युवती के आरोपों को झूठा बताया है. पुलिस और कोर्ट के आदेश पर DNA टेस्ट कराने से मना कर दिया.
जबकि, पीड़िता मां और बेटी का DNA टेस्ट कराने के लिए राजी थी. इसके बाद उसने आरोपी डॉक्टर का DNA टेस्ट कराने के लिए हाईकोर्ट में अपने वकील अमित बक्शी के माध्यम से याचिका दायर की. जहां सभी पक्षों की सुनवाई हुई.
इसके बाद हाईकोर्ट के जस्टिस एनके व्यास ने पीड़िता, उसकी बेटी और आरोपी डॉक्टर का DNA टेस्ट कराने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में DNA टेस्ट कराने से ही सच्चाई सामने आएगी.