नए साफ्टवेयर और व्यवस्था की वजह से लोगों काे मतदाता परिचय पत्र समय पर नहीं मिल पा रहा है. हालात ऐसे हैं कि 4 माह पहले आवेदन करने वालों को अब तक मतदाता परिचय पत्र नहीं मिल पाया है. आंकड़ों के अनुसार ऐसे 20 हजार से ज्यादा मतदाता हैं, जिनका परिचय पत्र अब तक अटका हुआ है. जबकि उन्होंने इसके लिए जनवरी में ही आवेदन कर दिया था. इस संबंध में जिला निर्वाचन कार्यालय में रोज शिकायतें मिल रही हैं.
रोचक बात यह है कि जिला प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने अपने एड्रेस चेंज करने के लिए आवेदन किया था, उनके भी वोटर ID अब तक नहीं आए हैं. इसके पीछे अफसरों का तर्क है कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग के सर्वर से देश भर के मतदाओं को आधार लिंक कराकर सर्वर से जोड़ा जा रहा है. वहीं, वोटर ID बनाने का काम दिल्ली से संचालित किया जा रहा है. वोटर ID नहीं मिलने की शिकायत के मामले में निर्वाचन के अधिकारी भी हाथ खड़े कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि मतदाता परिचय पत्र से आधार लिंक करने के लिए नया साफ्टवेयर अपडेट किया गया है. इसकी वजह से वोटर आईडी लेट से पहुंच रहे हैं.
नई व्यवस्था के तहत बनाए जा रहे मतदाता पहचान-पत्र में चिप के साथ QR काेड का भी विकल्प दिया जा रहा है, वोटर हेल्पलाइन एप पर QR कोड स्कैन करते ही इसमें मतदाता की पूरी जानकारी मिल जाएगी. वहीं, QR कोड स्कैन करते ही सबसे ऊपर पहचान-पत्र संख्या, फिर मतदाता का नाम, आयु, लिंग, माता /पिता /पति/पत्नी का नाम, विधानसभा क्षेत्र, संसदीय क्षेत्र, जिला, राज्य, भाग संख्या, भाग नाम, सीरियल नंबर व मतदान केंद्र का नाम आदि जानकारी मिलेगी.
कई मतदाता BLO व निर्वाचन शाखा में भी जाकर कार्ड आने की जानकारी मांग रहे हैं. इनमें नए वोटरों की संख्या अधिक है. नए वोटर कार्ड में काफी बदलाव किए गए हैं. इसका साइज भी बदला है.
रायपुर उप निर्वाचन अधिकारी गजेंद्र सिंह का कहना है कि वोटर ID कार्ड अब सीधे दिल्ली से आ रहे हैं. काफी कार्ड अभी तक बनकर आ चुके हैं. डाक के जरिए लोगों को इन्हें भेजा जा रहा है.