छत्तीसगढ़ में पिछले 3 दिन में हुई बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से गर्मी से राहत भले ही मिली हो लेकिन किसानों की आफत हो गई है. प्रदेश के कई जिलों में बारिश और अंधड़ के साथ ओले गिरे. खेतों में खड़ी गेहूं और चने की फसल बर्बाद हो गई है. ओला वृष्टि से किसानों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि प्रशासन ने सर्वे शुरू कर दिया है.
दलहन, तिलहन और गेहूं की फसलों के साथ ही सब्जियों में मुनगा के साथ ही आम की पैदावार पर भी काफी असर पड़ेगा. क्योंकि ओले की मार से मुनगा के फूल और आम के बौर झड़ गए हैं. 19 मार्च को CM साय ने X पर लिखा था- हमारी सरकार किसानों के हितों के लिए सदैव प्रतिबद्ध है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है.
दुर्ग जिले में पिछले 2 दिनों में हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की गेहूं और चना फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है. अकेले धमधा ब्लॉक में ही 9769.17 हेक्टेयर रकबा क्षेत्र में से चना फसल और 4691.55 हेक्टेयर भूमि में 56 प्रतिशत गेंहू की फसल को नुकसान पहुंचा है.
उप संचालक कृषि एलएम भगत ने बताया कि अधिकारियों ने धमधा विकासखंड के ग्राम घोठा, नंदवाय और हिरेतरा में किसानों के साथ निरीक्षण किया है. उन्होंने फसल बीमा योजना से मुआवजा देने के लिए किसानों को नुकसान का आंकलन कर 72 घंटे के भीतर जानकारी देने को कहा है.
4 दिनों तक सरगुजा संभाग के अलग-अलग इलाकों में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से हजारों एकड़ में लगी फसल, सब्जियों और तरबूज की खेती को नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का आंकलन प्रशासन की ओर से कराया जा रहा है.
बुधवार शाम को सूरजपुर और बलरामपुर जिले में बारिश हुई और जमकर ओले गिरे. प्रतापपुर, वाड्रफनगर और ओड़गी के कई इलाकों में जमकर ओलावृष्टि हुई. वहीं बलरामपुर के सेमरसोत, पाढ़ी, पस्ता, डौरा, कोचली और आसपास के इलाकों में भी ओलावृष्टि से तरबूज, मक्का, लौकी, खीरा, गेहूं, चना समेत रबी फसलों को भारी नुकसान हुआ है
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर एवं भैयाथान इलाकों में भारी बारिश व ओलावृष्टि से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल तबाह हो गई है. भैयाथान के गंगौटी, डबरीपारा, बांसापारा, खुटरापारा, शिवपुर, करौंदामुड़ा में भारी ओलावृष्टि से लगभग 2 सौ एकड़ में लगी फसल चौपट हो गई है. इन इलाकों में गेहूं, सरसों, प्याज, टमाटर, चना और सब्जियों की खेती बर्बाद हो गई है.
सूरजपुर और बलरामपुर जिले में किसान बड़े पैमाने पर तरबूज और सब्जियों की खेती करते हैं. यहां से तरबूज और सब्जियां बाहर भी भेजी जाती हैं. तरबूज पर ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा असर हुआ है. तरबूज उत्पादकों की पूरी फसल बर्बाद हो गई है. इसके साथ ही टमाटर और खीरे की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है.
बलरामपुर, सूरजपुर और सरगुजा जिले में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर ने सभी किसानों को हुए नुकसान का आंकलन कर मुआवजा प्रकरण बनाने के निर्देश दिए हैं. बलरामपुर कलेक्टर आर एक्का ने बताया कि किसानों के नुकसान का आंकलन कर मुआवजा प्रकरण तैयार किया जाएगा.
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और कोरिया जिले में 3 दिन पहले जमकर ओले गिरे थे. ओलावृष्टि से खड़गवां, जनकपुर, बैकुंठपुर, सोनहत में सब्जी और गेहूं-चना समेत दूसरी फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है.
बिलासपुर जिले में भी बारिश और ओले से गेहूं, चना, अलसी, सरसों के साथ ही सब्जी की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. कलेक्टर ने कृषि विभाग से इसकी रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने जल्द से जल्द रिपोर्ट देने और बीमा प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
बेमौसम बारिश व ओले गिरने से किसान परेशान और चिंतित हैं. उनकी फसलों को काफी नुकसान हुआ है. राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक इन चार दिनों में 38 मिमी बारिश हुई है. कलेक्टर अवनीश शरण ने राजस्व और कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों को संयुक्त रूप से मौका मुआयना कर आरबीसी 6-4 के तहत प्रकरण बनाने कहा है.
जिले में बेमौसम बारिश का ज्यादा असर बिल्हा, बोदरी, मस्तुरी और बिलासपुर तहसील में हुआ है. कलेक्टर ने फसल क्षति के अलावा मकान क्षति, जन-धन हानि, पशु हानि का भी आंकलन करने को कहा है. क्योंकि फसल क्षति पर इंश्योरेंस मिलता है, इसलिए बीमा एजेंट भी सर्वे टीम के साथ रहें. अधिकारियों ने बताया कि जिन किसानों की फसल का नुकसान 30 प्रतिशत से अधिक होता है, उन्हें नियमानुसार राहत राशि देने का प्रावधान है.
कवर्धा में भी लगातार बारिश और ओलावृष्टि किसानों के लिए आफत बनकर आई. बारिश और ओलों ने फसलों को चौपट कर दिया. चना, गेहूं, अरहर, मूंग, मसूर, फल्ली की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. जिले में ज्यादातर लोगों खेती-किसानी करते हैं और फसलों से होने वाली आय ही उनके जीवनयापन का जरिया है.
प्रदेश सरकार ने बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा देने का ऐलान किया है. जिला प्रशासन के निर्देश पर कृषि विभाग के अधिकारी खेतों में जाकर फसलों का जायजा ले रहे हैं और रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.
कृषि अधिकारी अमित कुमार मोहंती ने बताया कि जिले में हुई बारिश और ओलावृष्टि से भागू टोला गांव में हजारों एकड़ में लगी चना फसल पूरी तरह बरबाद हो चुकी है. जिन किसानों का फसल बीमा था, उन्हें तो मुआवजा मिलेगा ही साथ ही गैर बीमित किसानों के प्रकरण बनाकर उन्हें भी मुआवजा दिलाने की कोशिश की जाएगी.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 19 मार्च को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा कि, बेमौसम बारिश और ओले गिरने से फसलों को हानि हुई है. इससे किसान भाइयों को मायूस होने की जरूरत नहीं है. नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. हमारी सरकार किसानों के हितों के लिए सदैव प्रतिबद्ध है.