छत्तीसगढ़ के गौठानों को नाबार्ड जल्द ही मॉडल गौठान के रूप में विकसित करने वाला है. इसकी रूपरेखा को लेकर नाबार्ड ने अपनी तैयार शुरू कर दी है. प्रदेश दौरे पर आए केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने ये जानकारी दी.
नवा रायपुर के सर्किट हाउस में गिरिराज सिंह ने विभाग की समीक्षा बैठक ली. यहां उन्होंने कहा कि, नाबार्ड के बनाए इन मॉडल गौठानों में मुर्गी पालन, बकरी पालन, सूअर पालन के साथ ही उन्नत नस्ल के गौवंशीय पशु पाले जाएंगे.
केन्द्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि, नाबार्ड की ओर से राज्य में मॉडल गौठान बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है. यहां कड़कनाथ जैसी देशी मुर्गियों की प्रजाति के हाइब्रिड नस्ल भी तैयार करने की बात कही है. राज्य के 4 जिलों में एक-एक गौठानों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके लिए नाबार्ड से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को 25 लाख रूपए की राशि दी जाएगी.
केन्द्रीय मंत्री सिंह ने समीक्षा बैठक में कहा कि, छत्तीसगढ़ में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों की निर्देश दिए कि, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत छोटे-छोटे उद्यम शुरू किए जाने चाहिए. साथ ही बैंक के जरिए भी नए उद्यम स्थापित करने पर जोर देने की जरूरत है.
सिंह ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहान की दीदियों को लखपति बनाने का संकल्प लिया है. बिहान योजना के जरिए 56 लाख दीदियों को लखपति बनाना हमारा संकल्प है. इसे आगे बढ़ाने के लिए सभी को मिलकर कोशिश करनी होगी. देश की आर्थिक विकास में महिलाओं की भागीदारी 56 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ में 50 प्रतिशत है, इसे बढ़ाने की जरूरत है.
गिरिराज सिंह ने 13 जनवरी को शाम कोरबा स्थित NTPC के कावेरी भवन में अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली थी. उन्होंने जिले में मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना समेत कई योजनाओं की जानकारी ली. केन्द्रीय मंत्री ने जिले में चार, चिरौंजी, केला, पपीता उत्पादन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि, फलदार वृक्ष लगाए जाएं जिससे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की वृद्धि हो.