राज्य में धार्मिक पयर्टन को बढ़ावा देने और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से सहयोग मांगा है. राज्य की तरफ से उज्जैन और काशी की तर्ज पर प्रदेश में राजिम कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है. इस संबंध में बुधवार को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात की. मंत्री बृजमोहन ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कुल 63 राज्य संरक्षित स्मारक हैं. संरक्षित स्मारकों, अवशेषों, पुरास्थलों और संग्रहालयों के अनुरक्षण और विकास कार्य सहित पुरातात्विक गतिविधियों के संचालन के लिए 1965 लाख की राशि का प्रस्ताव तैयार किया गया है. उन्होंने इसे केंद्रीय बजट से स्वीकृत कराने का अनुरोध किया है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री को मां बम्लेश्वरी देवी प्रसाद योजना के उद्घाटन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण भी दिया. केंद्रीय मंत्री ने 15 फरवरी के बाद छत्तीसगढ़ आने की सहमति दी है.
मंत्री अग्रवाल ने बताया कि चार धाम की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण धार्मिक केन्द्रों को शक्तिपीठ परियोजना के तहत विकसित किया जाएगा. छत्तीसगढ़ के पांच शक्तिपीठ सूरजपुर के कुदरगढ़, चंद्रपुर के चंद्रहासिनी मंदिर, रतनपुर के महामाया मंदिर, डोंगरगढ़ के बम्लेश्वरी मंदिर और दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर में चरणबद्ध ढंग से पर्यटक सुविधाएं विकसित की जाएगी. लोक कलाकारों और अतिथियों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए कन्वेंशन सेंटर की जरूरत का उल्लेख करते हुए उन्होंने ₹50 करोड़ मंजूर करने का आग्रह किया है.
मंत्री बृजमोहन ने बताया कि मुलाकात के दौरान उन्होंने उज्जैन और काशी में भव्य कॉरीडोर की तरह राजिम कॉरिडोर बनाने के साथ ही विकास कार्यों व जीर्णोद्धार की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से राजिम मंदिर कॉरीडोर बनाने के लिए ₹75 करोड़ की मांग की है.