छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा का चुनावी गणित बिगाड़ने के लिए सर्व आदिवासी समाज इस साल विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करेगा. पिछले दिनों हुए भानुप्रतापपुर उपचुनाव में समाज के समर्थित प्रत्याशी अकबर राम कोर्राम को 23,417 वोट मिले थे. कुल मतदान का लगभग 16% मत प्राप्त कर कोर्राम तीसरे नंबर पर रहे थे.
अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित विधानसभा की 29 सीटों के साथ ही अनारक्षित वर्ग की ऐसी सीटें, जहां आदिवासी आबादी 30% से अधिक है, वहां भी सर्व आदिवासी समाज प्रत्याशी उतार सकता है. सुरक्षित व 30% से अधिक आदिवासी आबादी वाली सीटों को मिलाकर लगभग 50 से 55 सीटों पर समाज की नजर है. सर्व आदिवासी समाज की प्रदेश इकाई की ओर से राजनीतिक दल के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है.
दल की मान्यता के लिए एक माह पहले ही प्रस्ताव भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जा चुका है. सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं. वे इंदिरा गांधी और नरसिंहराव सरकार में मंत्री और 5 बार के सांसद रहे हैं. उनकी पत्नी छबीला नेता भी सांसद रहीं हैं. उद्योग विभाग में उच्च पद से सेवानिवृत्त डीएस रावटे संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष है.
बस्तर पुलिस में DIG के पद से सेवानिव़ृत्त अकबर राम कोर्राम भी सर्व आदिवासी समाज से जुड़े है. वे शहडोल, बिलासपुर, रायपुर सहित कई जिलों में SP रहे हैं. छत्तीसगढ़ में गोंड समाज के प्रांतीय अध्यक्ष भी हैं. दावा किया जाता है कि अजजा वर्ग के कर्मचारियों-अधिकारियों के संगठन और युवा वर्ग दोनों का भी इस अभियान में पूरा सहयोग समाज को मिल रहा है.
सर्व आदिवासी समाज के चुनाव लड़ने को लेकर समाज के प्रमुख लोगों से चर्चा के लिए एक सप्ताह पहले रायपुर से समाज के प्रांतीय पदाधिकारी बस्तर संभाग का दौरा कर लौटे हैं. अरविंद नेताम का कहना है कि आदिवासी समाज कांग्रेस और भाजपा का वोट बैंक बनकर रह गया है क्योंकि इनके पास तीसरा विकल्प नहीं है.