छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन दिवंगत विधायक विद्यारतन भसीन और पूर्व कैबिनेट मंत्री भानुप्रताप सिंह को श्रद्धाजंलि देने के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. अब 19 जुलाई को 11 बजे फिर से सदन की कार्यवाही शुरू होगी.
पहले दिन कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य मौजूद रहे. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, अजय चंद्राकर, मोहन मरकाम, बृजमोहन अग्रवाल, डॉ कृष्ण मूर्ति बांधी ने दिवंगत विधायक विद्यारतन भसीन और पूर्व कैबिनेट मंत्री भानुप्रताप सिंह को श्रद्धांजलि दी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विद्यारतन भसिन को लेकर कहा कि उनका स्वास्थ्य खराब था तो मैं उनसे मिलने अस्पताल गया था. वह बिल्कुल सहज और बातचीत भी कर रहे थे. यह नहीं लगा कि किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, जबकि ब्रेन में कैंसर पहुंच चुका था. डॉक्टर ने पहले बताया तो मैं मिलने गया था. मिला तो मुझे शंका हुई की बीमारी है भी कि नहीं क्योंकि बातचीत में व्यवहार में बिल्कुल वह सामान्य व्यवहार कर रहे थे. बीमारी बहुत गंभीर थी लेकिन उनका व्यवहार सहज था. भसीन के जाने से विधानसभा को जो क्षति पहुंची है उसकी भरपाई नहीं हो पाएगी.
सीएम भूपेश ने पूर्व कैबिनेट मंत्री भानुप्रताप को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने रायगढ़ कला संस्कृति की परंपरा को आगे बढ़ाया. उसके साथ-साथ समाजसेवा के क्षेत्र में भी लगातार सक्रिय रहे. इंटक में भी मजदूर संगठन से जुड़े रहे। आदिवासियों के लिए भी एक संगठन बनाया, उस के माध्यम से ट्रांसपोर्ट और सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय रहे. सीएम ने कहा दोनों नेताओं के जाने से छत्तीसगढ़ को क्षति हुई है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती.
सत्र के दौरान सरकार जहां 3 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट लाएगी. वहीं उसे अंतिम दिन विपक्ष के अविश्वास का सामना करना पड़ेगा. जानकारी के मुताबिक मानसून सत्र में महालेखाकार की रिपोर्ट पेश होने पर हंगामा होना तय माना जा रहा है. सदन में पहले दिन भाजपा विधायक विद्यारतन भसीन और अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री भानुप्रताप सिंह को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. उसके बाद अब तीन दिन सदन में हंगामे के बीच कार्यवाही चलेगी.
मानसून सत्र में विधायकों ने 550 सवाल लगाए हैं. जिसके जवाब मंत्री देंगे. सत्र में विपक्ष की ओर से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी जाएगी. इस पर चर्चा 21 जुलाई को आधी रात तक चलने के संकेत हैं. विधानसभा के कार्यकाल में दूसरी बार यह प्रस्ताव लाया जा रहा है, हालांकि केवल 13 विधायक होने की वजह से इसमें विपक्ष की हार तय है, फिर भी वह सरकार की खामियों और कथित घोटालों को सदन में सार्वजनिक करने का अवसर लेना चाह रहा है.
सरकार की तरफ से 2022-23 के लिए महालेखाकार की रिपोर्ट पेश किए जाने की सूचना है. विधेयकों में निजी विश्वविद्यालय स्थापना, भारतीय स्टाम्प अधिनियम संशोधन विधेयक, छत्तीसगढ़ मंडी शुल्क संशोधन और विधानसभा सदस्यता संशोधन विधेयक शामिल हैं. इसमें लाभ के दो पद संबंधी एक संशोधन का प्रस्ताव है जिसमें राज्य योजना मंडल की जगह आयोग प्रतिस्थापित किया जाना है.